भुवनेश्वर, 21 फरवरी (भाषा) ओडिशा में स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के संस्थापक अच्युत सामंत समेत संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार को राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति के समक्ष पेश हुए, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही एक नेपाली छात्रा की कथित आत्महत्या और उसके बाद पड़ोसी देश के छात्रों पर हमले की जांच कर रही है।
बीजू जनता दल (बीजद) के पूर्व सांसद सामंत शाम साढ़े छह बजे निर्धारित पेशी से पहले राज्य अतिथि गृह पहुंचे। एक दिन पहले उन्होंने इस घटना के लिए नेपाली छात्रों के अभिभावकों से माफी मांगी थी।
इससे पहले दिन में विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने केआईआईटी मामले के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्यव्रत साहू के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय जांच समिति को 16 फरवरी को छात्रा के आत्महत्या करने के कारणों, संस्थान के प्रशासन की कथित मनमानी और कुछ छात्रों को निलंबित करने तथा उनके लिए संस्थान को बंद करने के निर्णय की जांच सौंपी गई थी।
उच्च शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिवों वाली समिति ने पहले केआईआईटी परिसर का दौरा किया था और उन नेपाली छात्रों से बात की थी, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन करने पर संस्थान के कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया था।
इस बीच, केआईआईटी के दो निलंबित वरिष्ठ अधिकारी जयंती नाथ और मंजूषा पांडे शाम चार बजे समिति के समक्ष पेश हुए। उन पर नेपाल के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि केआईआईटी नेपाली छात्रों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराता है और संस्थान का बजट नेपाल के बजट से अधिक है।
एक अधिकारी ने बताया कि उनके बयानों का एक कथित वीडियो वायरल हो गया, जिसके कारण उन्हें तलब किया गया।
भाषा जोहेब संतोष
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