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शुक्रवार, 2 मई, 2025
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नेपाल ने ओडिशा के केआईआईटी में एक और छात्रा की मौत की जांच के लिए कूटनीतिक पहल शुरू की

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भुवनेश्वर, दो मई (भाषा) ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कलिंगा औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (केआईआईटी) में पढ़ने वाली 18 वर्षीय नेपाली छात्रा की मौत के कुछ ही घंटों के भीतर जांच के लिए नेपाल ने कूटनीतिक पहल शुरू कर दी है।

नेपाली मूल की छात्रा यहां बृहस्पतिवार की शाम संस्थान के छात्रावास स्थित अपने कमरे में मृत अवस्था में पंखे से लटकी पाई गई थी।

इसी संस्थान की एक अन्य नेपाली छात्रा प्रकृति लामसाल ने 16 फरवरी को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी और इसके करीब ढाई महीने बाद यह घटना सामने आई है।

नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के ओडिशा में केआईआईटी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली नेपाली छात्रा प्रिसा साह की अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई जाने की घटना ने हमें बहुत दुखी कर दिया है। मैं प्रिसा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और इस दुखद घड़ी में उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘घटना के तुरंत बाद, विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार, ओडिशा सरकार और दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास के उच्च पदस्थ अधिकारियों के माध्यम से घटना के सही कारणों की जांच के लिए कूटनीतिक पहल शुरू की है।’’

भारत में नेपाल के राजदूत शंकर पी. शर्मा ने कहा कि अधिकारी गहन जांच के लिए विदेश मंत्रालय, ओडिशा सरकार, पुलिस और विश्वविद्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं।

यहां एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बी.टेक कंप्यूटर साइंस की छात्रा का शव बृहस्पतिवार शाम संस्थान के छात्रावास के कमरा नंबर 111 से बरामद किया गया। यह छात्रा नेपाल निवासी थी।

पुलिस आयुक्त एस. देव दत्ता सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘नेपाल निवासी एक छात्रा का शव बरामद किया गया है और ऐसा प्रतीत होता है कि उसने केआईआईटी के छात्रावास में आत्महत्या की है।’’

छात्रावास का दौरा करने वाले पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है।

यहां एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘ये नया मामला उसी छात्रावास और उसी मंजिल से आया है।’’

हालांकि, पुलिस को मृतका के पास से कोई ‘सुसाइड नोट’ बरामद नहीं हुआ है।

ओडिशा सरकार ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है।

इससे पहले फरवरी में हुई नेपाली छात्रा की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। उस समय ऐसी खबरें आई थीं कि पीड़िता को कथित तौर पर ‘ब्लैकमेल’ किया गया था और निजी विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों से न्याय न मिलने के कारण उसने अपनी जान दे दी।

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर उठाया था और केंद्र सरकार से संस्थान के नेपाली छात्रों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।

भाषा यासिर मनीषा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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