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नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) रविवार को कड़ी निगरानी और सुरक्षा उपायों के बीच देश भर के 5,400 से अधिक केंद्रों पर आयोजित की गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
परीक्षा के लिए 22.70 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था।
परीक्षा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए शनिवार को सभी नीट-यूजी केंद्रों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई। अधिकांश केंद्र सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्थित थे।
हालांकि, अभी तक किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में स्थापित एक परीक्षा केंद्र के समक्ष ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया और समुदाय के कुछ छात्रों को ‘जनेऊ’ उतारने के लिए कहने वालों की जवाबदेही तय करने की मांग की।
राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है जो राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के एक अभ्यर्थी को कथित तौर पर पेपर उपलब्ध कराने का झांसा दे रहे थे। अधिकारियों के अनुसार इन लोगों ने अभ्यर्थी से 40 लाख रुपये ठगने की कोशिश की।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में नीट के अभ्यर्थियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर पैसे वसूलने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस की विशेष अपराध इकाई ने शनिवार को गिरफ्तार किया।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ आज तीन स्तरों पर निगरानी की गई – जिला, राज्य और केंद्रीय स्तर पर। परीक्षा का सुचारू और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इन अभ्यास से मोबाइल सिग्नल जैमर की कार्यक्षमता, तलाशी के लिए पर्याप्त जनशक्ति की उपलब्धता और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं के संदर्भ में तत्परता का परीक्षण करने में मदद मिली।’’
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा पुलिस सुरक्षा में प्रश्न-पत्रों का परिवहन, संगठित नकल रैकेट की पहचान करने के लिए कोचिंग सेंटरों की निगरानी, परीक्षा केंद्रों पर नामित सुरक्षा कर्मियों के अलावा जिला पुलिस द्वारा बहुस्तरीय तलाशी जैसे कदम उठाए गए।
नीट-यूजी में पेपर लीक सहित कथित अनियमितताओं के सामने आने के एक साल बाद ये सख्त कदम उठाए गए हैं। अनियमितताओं के कारण परीक्षा की शुचिता संदेह के घेरे में आ गई थी।
नीट-यूजी के बारे में फर्जी दावों पर कार्रवाई करते हुए एनटीए ने गलत सूचना फैलाने में शामिल 106 टेलीग्राम और 16 इंस्टाग्राम चैनलों की पहचान की।
ऐसी चिंताओं को दूर करने के लिए एनटीए के समर्पित पोर्टल पर परीक्षा के पेपर लीक होने के 1,500 से अधिक दावे सामने आए हैं।
परीक्षा प्रक्रिया की शुचिता की रक्षा के लिए एक निर्णायक कदम उठाते हुए, एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कुछ टेलीग्राम और इंस्टाग्राम चैनलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, जिन्होंने प्रश्नपत्र तक पहुंच होने का दावा किया था।
एनटीए ने ‘टेलीग्राम’ और ‘इंस्टाग्राम’ जैसे ऐप से अनुरोध किया कि वे अभ्यर्थियों के बीच झूठ और अनावश्यक दहशत फैलने से रोकने के लिए ऐसे चैनलों को तुरंत बंद कर दें।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा के आयोजन में किसी प्रकार की चूक न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ कई बैठकें की थीं।
पिछले साल नीट-यूजी और पीएचडी प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं की जांच के बाद, केंद्र ने एनटीए द्वारा परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया।
पिछले साल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) को रद्द कर दिया गया था, क्योंकि मंत्रालय को जानकारी मिली थी कि इसकी शुचिता से समझौता किया गया था।
दोनों मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।
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