नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने मंगलवार को कहा कि परिषद ने राष्ट्रीय राजधानी में यमुना के बढ़ते जलस्तर और लगातार भारी बारिश से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए हैं।
वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को इस वर्ष पहली बार निकासी के निशान को पार कर गई और इसके किनारे स्थित कई निचले इलाकों में पानी घुस गया जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
दिल्ली के पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर शाम चार बजे नदी का जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया। पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
एनडीएमसी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार चहल ने कहा कि नगर निकाय ने अपनी जल निकासी व्यवस्था को मजबूत किया है, नालों से गाद निकालने का काम तेज कर दिया है, ‘बैकअप पंपिंग सिस्टम’ को सक्रिय कर दिया है और आपात स्थिति से निपटने के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।
बयान में चहल के हवाले से कहा गया, ‘‘एनडीएमसी की प्राथमिकता नागरिक-हितैषी विकास कार्य करना है।’’ उन्होंने बताया कि पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 206.03 मीटर पर पहुंच गया है।
इस बीच, हथिनीकुंड बैराज से 1,53,767 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 79,820 क्यूसेक और ओखला बैराज से 91,460 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
चहल ने कहा, ‘‘ इन परिस्थितियों को देखते हुए एनडीएमसी ने आपातकालीन उपायों को बढ़ा दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिकों को जलभराव से परेशानी न हो।’’
चहल ने कहा कि कुशक नाला और रिंग रोड नाला, जो अक्सर भारी बारिश के दौरान उफान पर आ जाते हैं की सफाई का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए परिषद के समक्ष रखा जाएगा।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 13.1 करोड़ रुपये है, जिसमें आईएनए-एम्स गोल चक्कर और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का ‘स्थायी समाधान’ प्रदान करने के लिए ‘रोबोटिक सिल्ट-प्रोफाइलिंग’ तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
चहल ने घोषणा की कि एनडीएमसी अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत 89.75 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक तकनीक का उपयोग करके 79 सड़कों का पुनर्निर्माण करेगी।
भाषा शोभना माधव
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