पुणे, 16 जनवरी (भाषा) भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विश्वस्तरीय सैन्य नेतृत्व तैयार करने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) ने मंगलवार को यहां अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाई।
वर्ष 1954 में अपनी स्थापना के बाद से, अकादमी ने एक ऐसी संस्था होने का गौरव हासिल किया है जहां सैन्य अधिकारियों को उन जटिल और प्रौद्योगिकी-संचालित युद्धों का एक साथ सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है जो देश की आजादी के बाद से अपने पड़ोसियों के साथ लड़ता रहा है।
एनडीए के 58वें पाठ्यक्रम से संबंध रखने वाले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं 46 साल पहले स्कूल से सीधे 16 साल के लड़के के रूप में एनडीए में शामिल हुआ था जिसकी कोई सैन्य पृष्ठभूमि नहीं थी।’
इस अवसर पर 92 वर्षीय मेजर जनरल वीके मधोक (सेवानिवृत्त), जो पूर्ववर्ती संयुक्त सेवा इकाई (जेएसडब्ल्यू) के पहले पाठ्यक्रम से हैं, कार्यक्रम में सबसे वरिष्ठ सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी थे।
जब यह बुजुर्ग व्यक्ति अपना परिचय देने के लिए खड़े हुए तो खचाखच भरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
उन्होंने कहा, ”एनडीए के पहले पाठ्यक्रम का गौरवान्वित कैडेट होना एक विशेष एहसास है।”
भाषा नेत्रपाल रंजन
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