नई दिल्ली/हावड़ा: अभिनेता सोनू सूद ने जिस झारखंड की नेशनल लेवल की युवा निशानेबाज कोनिका लायक को इस साल जर्मनी से बनी राइफल तोहफे में दी थी, वह अपने हॉस्टल में फांसी से लटकी पाई गई है.
हावड़ा पुलिस के सूत्रों के अनुसार कोनिका के पास से आत्महत्या से जुड़ा नोट मिला है जिसमें उन्होंने यह कदम उठाने के लिए ‘अवसाद’ को जिम्मेदार ठहराया है. यह घटना बुधवार को हुई.
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘मौका नहीं मिलने के कारण वह अवसाद में थी, उसने यह बात नोट में लिखी है.’
छब्बीस साल की कोनिका की फरवरी में शादी होनी थी.
निशानेबाजी से जुड़े मामलों पर अगर नजर डालें तो हाल के महीनों में यह कथित तौर पर आत्महत्या का चौथा मामला है जिससे गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
राज्य स्तर पर कुछ पदक जीतने वाली यह निशानेबाज कोलकाता में ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता जॉयदीप करमाकर के साथ ट्रेनिंग कर रही थी.
पुलिस ने झारखंड के धनबाद की रहने वाली इस निशानेबाज की मौत की जांच शुरू कर दी है.
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) को इस स्तब्ध करने वाली घटना की जानकारी है.
कोनिका ने झारखंड राज्य राइफल चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीता था.
इस साल की शुरुआत में अभिनेता सोनू सूद ने उनकी परेशानियों के बारे में पता लगने के बाद उन्हें जर्मनी में बनी राइफल तोहफे में दी थी. पता चला है कि उनके परिवार के सदस्य कोलकाता पहुंच गए हैं.
हाल में युवा पिस्टल निशानेबाज खुशप्रीत कौर संधू ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कम स्कोर बनाने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. खुशप्रीत ने लीमा में पिछली विश्व चैंपियनशिप में जूनियर भारतीय टीम की ओर से पदार्पण किया था.
इससे पहले दो अन्य निशानेबाजों हुनरदीप सिंह सोहल और नमनवीर सिंह बरार ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
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निशानेबाजों की आत्महत्या से स्तब्ध बिंद्रा मदद को आगे आए
उभरते हुए खिलाड़ियों की आत्महत्या के कई मामलों से स्तब्ध ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने अपनी फाउंडेशन के जरिए तनाव के इस समय में निशानेबाजों की मदद की पेशकश की है.
बिंद्रा ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) अध्यक्ष रानिंदर सिंह को लिखा, ‘मैंने देश में खिलाड़ियों की आत्महत्या के हालिया मामलों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए पत्र लिखा है. मैं निजी तौर पर इन खबरों से स्तब्ध हूं और मुझे लगता है कि जीवन को बचाने के लिए हमें जल्द से जल्द और जिम्मेदारी से कार्रवाई करनी होगी.’
उन्होंने लिखा, ‘खिलाड़ी भी इंसान हैं, वह भी व्याकुलता, अवसाद का शिकार हो सकते हैं और उन्हें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल देने की जरूरत है. हमारा इरादा खिलाड़ियों, कोच की मदद करना है.’
बिंद्रा ने अपने पत्र में लिखा, ‘इस पत्र के जरिए मैं खिलाड़ियों, कोच, प्रशासकों, माता-पिता और खेल परिस्थितिकी तंत्र के अन्य लोगों की जरूरत के समय मदद के लिए अपनी टीम की समय और ऊर्जा देने की पेशकश करता हूं.’
उन्होंने लिखा, ‘उम्मीद करता हूं कि आप मेरा प्रस्ताव स्वीकार करेंगे और हमें कुछ वर्चुअल सत्र के आयोजन का मौका देंगे जिसमें सभी स्तर पर हितधारकों की जागरूकता और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाएगा.’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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