लखनऊ: हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी.
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि हाथरस मामले में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है. ट्वीट में कहा, ‘आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए.’
इससे पहले कथित सामूहिक बलात्कार और पीड़िता की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी ने उप्र शासन के गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन के आदेश दिए. एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी.
मुख्यमंत्री ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के निर्देश दिये हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस की घटना की जांच हेतु तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष सचिव गृह भगवान स्वरूप एवं चंद्रप्रकाश, पुलिस उप महानिरीक्षक व पूनम, सेनानायक पीएसी आगरा सदस्य होंगे. एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी.’
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये दूसरे ट्वीट में कहा गया कि, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना के लिये दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिये है.’
उधर, हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत सिह ने बताया कि लड़की का अंतिम संस्कार बीती रात दो बजे परिजनों की सहमति से पुलिस बल की मौजूदगी में किया गया.
हालांकि लड़की के परिजनों का आरोप है कि अंतिम संस्कार के लिये उनकी सहमति नही ली गयी. लड़की के भाई ने कहा कि ‘पुलिस जबदरदस्ती शव को ले गयी’. इस बीच, रात में लड़की के अंतिम संस्कार किये जाने पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है. नेताओं का कहना है कि पुलिस का ऐसा करना संदेह के घेरे में है.
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि, ‘यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है. बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है.’
मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी.’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ‘हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है. ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है. भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी.’
हाथरस जिले में गत 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और गला दबाये जाने की घटना की शिकार हुई 19 वर्षीय दलित लड़की ने मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लव कुश और रवि नामक युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया था. चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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