जयपुर, 21 फरवरी (भाषा) राजस्थान के नागौर जिले में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले पीड़िता के परिजनों व अधिकारियों के बीच प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता देने पर सहमति बन गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार से अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति कानून के तहत आर्थिक मदद देने, मामले की जांच अपराध अन्वेषण शाखा सीआईडी-सीबी को सौंपने और एक आश्रित को नौकरी देने की सिफारिश की गई है।
डीडवाना के सीई(सर्किल ऑफिसर) गोमा राम चौधरी ने कहा,‘‘बातचीत के बाद मुआवजे संबंधी मांगों पर देर रात सहमति बन गई और महिला का आज अंतिम संस्कार किया गया।’’
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के शव को रविवार को जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल के मुर्दाघर से नागौर जिले के डीडवाना में स्थानांतरित कर दिया था। महिला के परिजनों और कुछ सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने पुलिस पर तानाशाही और बर्बर तरीके से काम करने का आरोप लगाते हुए शव को जयपुर से नागौर भेजे जाने का विरोध किया था।
पुलिस के अनुसार चार फरवरी को महिला के साथ दो लोगों ने बलात्कार किया था और उसका गला घोंट कर नागौर के डीडवाना में एक सूखे तालाब के पास घायल अवस्था में फेंक कर फरार हो गये थे।
उन्होंने बताया कि महिला को घटना के छह दिन बाद पुलिस ने बेहोशी की हालत में स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, वहां से उसे जयपुर रेफर कर दिया गया।
महिला की 17 फरवरी को जयपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी और उसके परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इंकार कर दिया था।
इससे पहले इस मामले में कथित लापरवाही बरतने पर डीडवाना के थानाधिकारी नरेन्द्र जाखड़ और हेड कांस्टेबल प्रहलास सिंह को निलंबित कर दिया गया था। पुलिस के मुताबिक महिला से बलात्कार करने के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
भाषा पृथ्वी धीरज
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