नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राज्य के शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करने में देरी पर मंगलवार को नगालैंड सरकार को फटकार लगायी और कहा कि लैंगिक समानता का एक अहम पहलू स्थगित होता दिख रहा है।
न्यायमूर्ति एस. के़ कौल और न्यायमूर्ति एम. सुंदरेश की पीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की गई शिकायत पर गौर किया कि राज्य सरकार संसदीय मतदाता सूची का उपयोग स्थानीय निकाय चुनाव में करने के लिए कानून में बदलाव के उसके अनुरोध का जवाब नहीं दे रही है।
पीठ ने कहा, “हमने प्रतिवादी संख्या तीन, नगालैंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दायर नोट व सारांश का अध्ययन किया है। रिपोर्ट एक बार फिर राज्य सरकार के ढुलमुल रवैये को दर्शाता है… हम बड़े खेद के साथ गौर कर रहे हैं कि लैंगिक समानता का एक महत्वपूर्ण पहलू स्थगित होता दिख रहा है और इस संबंध में एक दशक बीत चुका है।’
इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
भाषा अविनाश दिलीप
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