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Wednesday, 24 April, 2024
होमएजुकेशनकाफी इंतजार के बाद मोदी सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति मार्च में आ सकती है सामने

काफी इंतजार के बाद मोदी सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति मार्च में आ सकती है सामने

एचआरडी सचिव अमित खरे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का अंतिम ड्राफ्ट मध्य फरवरी में पास होने के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा. कैबिनेट से पास होने के बाद पॉलिसी सार्वजनिक की जाएगी.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), जो लंबे समय से पाइपलाइन में है, मार्च के शुरुआत में सामने आ सकती है, दिप्रिंट को ये जानकारी मिली है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि नीति का अंतिम मसौदा फरवरी के मध्य में मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा.

एचआरडी सचिव अमित खरे ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम डॉ कस्तूरीरंगन के साथ अंतिम चर्चा के दौर के बाद फरवरी के मध्य में कैबिनेट की मंजूरी के लिए नीति का अंतिम मसौदा भेजेंगे.’

डॉ. के. कस्तूरीरंगन एक प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने एनईपी का प्रारूप तैयार करने वाली इस समिति का नेतृत्व किया.

खरे ने आगे कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद नीति को अंतिम रूप देने में 15-20 दिन और लगेंगे और फिर इसे सार्वजनिक किया जाएगा.

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एचआरडी सचिव ने कहा कि अंतिम मसौदे की अधिकांश बातें कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं, कुछ बिंदुओं को छोड़कर बाकी पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है.

उन्होंने आगे कहा, ‘पैनल द्वारा सुझाए गए कुछ बिंदुओं पर अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है, और मैं उसी पर चर्चा करने के लिए बेंगलुरु डॉ. कस्तूरीरंगन से मिलने जा रहा हूं. एक बार जब हम उन मुद्दों को हल कर लेते हैं, तो हमारे पास अंतिम मसौदा होगा और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.’

हालांकि खरे ने यह नहीं स्पष्ट किया कि ये बिंदु क्या हैं, उन्होंने कहा कि वे ‘कुछ भी बड़ा नहीं’.

इस पर जब दिप्रिंट ने कस्तूरीरंगन से संपर्क किया तो उन्होंने इस मसले पर टिप्पणी से इंकार कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘मैं बदलाव के बारे में केवल तभी कुछ कह पाऊंगा जब सचिव के साथ मेरी चर्चा होगी.’
ड्राफ्ट पर कई दौर की चर्चा हुई.

समिति ने पिछले साल मई में जिस दिन नए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कार्यभार संभाला, उसी दिन एनईपी के लिए सिफारिशें मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंप दी थी.

तब से, यह मसौदा कई दौर की चर्चाओं और विचार-विमर्शों से गुजरा और फिर एक अंतिम प्रारूप तैयार हुआ है. इसके बाद एचआरडी मंत्रालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए इसे रखा गया, जिस पर दो लाख से अधिक सुझाव आ चुके हैं.


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अब तक हुई चर्चाओं और जनता द्वारा की गई सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए अंतिम मसौदा तैयार किया गया है.

कुछ सुझाव जिन्हें इस नीति में शामिल करने की संभावना है, उनमें बोर्ड परीक्षाओं को ‘आसान’ बनाना, कॉलेजों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करना, लिबरल आर्ट के लिए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम और प्री स्कूल सहित स्कूल शिक्षा प्रारूप में बदलाव को शामिल करना है.

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