scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमदेशआपातकाल पेंशन पर मध्य प्रदेश सरकार की रोक पर राजनीतिक बवाल

आपातकाल पेंशन पर मध्य प्रदेश सरकार की रोक पर राजनीतिक बवाल

आगामी माह से लोकतंत्र सेनानी सम्मान-निधि राशि का वितरण वर्तमान प्रक्रिया के पुनर्निर्धारण, अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने की कार्यवाई के बाद होगा.

Text Size:

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदी) को मिलने वाली सम्मान निधि पर संकट छाने लगा है. सरकार ने सम्मान निधि के पुनर्निधारण और सत्यापन की प्रक्रिया के बाद ही सम्मान निधि के भुगतान के निर्देश दिए हैं. राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि लोकतंत्र सेनानियों को दी जा रही सम्मान-निधि के भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया जाएगा व प्रक्रिया को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाए जाने की कार्यवाई की जाएगी.

आधिकारिक तौर पर बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सामान्य प्रशासन द्वारा सभी संभाग आयुक्त और जिलाधिकारियों को इस संबंध में जारी निर्देश में कहा गया है कि पिछले कुछ वित्तीय वर्ष से प्रदेश में लोकतंत्र सेनानी सम्मान-निधि के भुगतान में बजट प्रावधान से अधिक राशि व्यय किये जाने के मामले महालेखाकार के लेखा परीक्षण में सामने आये हैं.

बजट प्रावधान से अधिक खर्च होने से लोक लेखा समिति के समक्ष विभाग को स्थिति स्पष्ट करने में कठिनाई आती है.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, लोक लेखा समिति की अनुशंसा पर बजट से अधिक खर्च की गई राशि के नियमन के लिए विधानसभा में फिर विधेयक प्रस्तुत करना पड़ता है.

ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लोकतंत्र सेनानी सम्मान-निधि भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता है. इसके साथ ही लोकतंत्र सैनिकों का भौतिक सत्यापन कराया जाना भी ज़रूरी है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

जारी निर्देश में कहा गया है कि इन स्थितियों को देखते हुए आगामी माह से लोकतंत्र सेनानी सम्मान-निधि राशि का वितरण उपरोक्त कार्यवाई होने के बाद किया जाए. संबंधित बैंक शाखाओं को भी जिलाधिकारी द्वारा इस बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है.

इस पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया आई है.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर कमला नाथ को इंदिरा गांधी का ‘तीसरा पुत्र’ बताते हुए इस कदम की आलोचना की.

युवा कार्यक्रम और खेल राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कमल नाथ को ‘आपातकाल का चीरलीडर’ घोषित कर इस पर आपत्ति जताई.

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने भी मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले की ट्विटर पर आलोचना की और कहा कि ऐसा करने से कमल नाथ ने आपातकाल के काले इतिहास को ठीक ठहरा दिया है.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

share & View comments