बैतूल, 20 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है, जिसने कई प्रधानमंत्री जनधन (पीएमजेडी) खातों से कथित तौर पर करीब 10 करोड़ रुपये का लेनदेन किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही उन्होंने बताया कि गिरोह ने अपराध की रकम ट्रांसफर करने के लिए एक मृतक के बैंक खाते का इस्तेमाल किया।
पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन ने बताया कि हाल ही में खेड़ी सवालीगढ़ के रहने वाले बिसराम इवने (40) ‘नो-योर-कस्टमर’ (केवाईसी) प्रकिया को पूरा करने के लिए बैंक गए थे, और अपने पीएमजेडी खाते में करीब दो करोड़ रुपये का लेन-देन देखकर हैरान रह गए।
एसपी ने बताया कि इवने ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में लिखित शिकायत दी, जिसके बाद साइबर प्रकोष्ठ, बैतूल ने जांच शुरू की और पाया कि जून 2025 से उनके खाते से करीब 1.5 करोड़ रुपये अंतरित (ट्रांसफर) किए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि जांच में पता चला कि जालसाजों ने उसी बैंक में बिसराम इवने, नर्मदा इवने, मुकेश उइके, नितेश उइके, राजेश बर्डे, अमोल और चंदन के अकाउंट से 9,84,95,212 रुपये निकाल लिए।
उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया कि राजेश बर्डे नामक मृत व्यक्ति के खाते का इस्तेमाल बड़े लेन-देन के लिए किया गया था। एसपी ने कहा कि जालसाजों ने खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर बदल दिया, नया एटीएम कार्ड लिया, इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग चालू की और ओटीपी हासिल किए।
अधिकारी ने कहा कि बैंक में पासबुक अपडेट करने के लिए ज़िम्मेदार एक अस्थाई कर्मचारी गिरोह के साथ मिला हुआ था और उन्हें खाताधारकों की गोपनीय जानकारी दे दी।
एसपी ने कहा कि इससे दस्तावेज में बिना इजाजत बदलाव, मोबाइल नंबर लिंक करना, नया एटीएम कार्ड जारी बनाना और पासबुक व चेक बुक का गलत इस्तेमाल करना आसान हो गया।
छापेमारी के दौरान, पुलिस ने 26 सिम कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, 28,000 रुपये नकद, 11 बैंक पासबुक, सात चेक बुक, दो पीओएस मशीन, दो लैपटॉप, एक राउटर और लेनदेन रिकॉर्ड वाले चार रजिस्टर/डायरी जब्त किए।
अधिकारी ने कहा कि मामले में खेड़ी (सावलीगढ़) के निवासी राजा उर्फ आयुष चौहान (28), इंदौर के अंकित राजपूत (32) और इंदौर के नरेन्द्र सिंह राजपूत (24) को गिरफ्तार किया।
एसपी जैन ने कहा कि जब्त उपकरणों का फोरेंसिक विश्लेषण चल रहा है और गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
भाषा सं दिमो जोहेब
जोहेब
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