भोपाल, 30 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश वन विभाग ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले नीलगाय और जंगली सुअरों का शिकार करने की लोगों को अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को एक मसौदा भेजा है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है।
मध्यप्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) आलोक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नीलगाय और सुअरों के शिकार से संबंधित क्रमश: 2000 और 2003 में जारी जटिल नियमों का पालन करते हुए किसी भी नीलगाय और जंगली सूअर का शिकार नहीं हुआ।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि अब किसानों से शिकायतें मिली हैं कि ये दोनों जानवर उनकी फसलों को बेहद नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसके बाद राज्य सरकार इन दोनों जानवरों का शिकार करने के नियमों को सरल बनाना चाहती है, ताकि किसानों को इनके आतंक से बचाया जा सके।
मध्यप्रदेश में विशेष रूप से पश्चिमी भाग में नीलगाय और जंगली सूअर बड़ी तादाद में पाये जाते हैं।
कुमार ने कहा कि मध्यप्रदेश वन विभाग ने फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन जानवरों का शिकार करने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को एक मसौदा भेजा है, जिसके बाद सरकार ने इस पर विधायकों की राय मांगी है।
उन्होंने कहा कि मसौदे के अनुसार लाइसेंस प्राप्त हथियार रखने वाले व्यक्ति को नीलगाय या जंगली सुअरों को मारने के लिए वन अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी।
कुमार ने बताया, ‘‘आकलन करने के बाद जहां पर फसलों को नुकसान हो रहा है, वहीं पर शिकार की अनुमति दी जाएगी। सब जगह अनुमति नहीं होगी। वन विभाग ही अनुमति देगा।’’
उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘वन क्षेत्र में इन्हें मारने की अनुमति नहीं होगी। केवल बाहरी क्षेत्र में जहां इनका आतंक है वहीं पर यह अनुमति दी जाएगी।’’
कुमार ने कहा कि मसौदे के अनुसार अनुमति मांगने के बाद वन क्षेत्र के बाहर फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए एक व्यक्ति को एक साल में पांच नीलगाय और पांच जंगली सुअरों को मारने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम नए नियमों के तहत इन दोनों जानवरों के शिकार करने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहते हैं।’’
मध्यप्रदेश के पूर्व वन मंत्री सरताज सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया कि जब वह वर्ष 2012 में वन मंत्री थे, तब भी राज्य सरकार ने इन दोनों जानवरों का शिकार करने के लिए नियमों को सरल बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त हमें मेनका गांधी सहित पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और कुछ धार्मिक नेताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तब मुझे कड़े विरोध के बाद इस विचार को छोड़ने के लिए कहा था। देखते हैं कि इस बार क्या होगा।’’
सिंह ने बताया कि ये दोनों जानवर प्रदेश में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
भाषा रावत गोला
गोला
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.