दिल्ली/इंदौर, 11 सितंबर (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि सरकार 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मध्यप्रदेश में सोयाबीन खरीदेगी।
हालांकि, इस घोषणा से असंतुष्ट किसान संगठनों ने मांग दोहराई कि सरकार देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य में 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर यह तिलहन फसल खरीदे।
राज्य में सोयाबीन की कीमतें एमएसपी से नीचे चले जाने पर नाराज किसान लम्बे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं।
कृषि मंत्री चौहान ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “मध्यप्रदेश के किसान सोयाबीन की एमएसपी से कम कीमत मिलने से चिंतित हैं। हमें मंगलवार रात मध्यप्रदेश सरकार से सोयाबीन खरीद का प्रस्ताव मिला। हमने इसे मंजूरी दे दी है।” उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सोयाबीन की खरीद एमएसपी पर की जाएगी। चौहान ने कहा कि इससे पहले केंद्र ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में एमएसपी पर सोयाबीन खरीद की अनुमति दी है।
सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 2024-25 के लिए 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इस तिलहन की खरीद कृषि मंत्रालय की लागू मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत की जाएगी। इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों ने मांग दोहराई है कि सरकार मध्यप्रदेश में 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर सोयाबीन खरीदे। इन संगठनों का दावा है कि सोयाबीन का इससे कम मूल्य मिलने पर किसानों के लिए इस तिलहन की खेती घाटे का सौदा साबित होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी रंजीत किसानवंशी ने कहा,‘‘हम आंदोलन के जरिये लम्बे समय से मांग कर रहे हैं कि राज्य में 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर सोयाबीन की सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए। सोयाबीन का इससे कम भाव हमें स्वीकार नहीं है, लिहाजा राज्य में हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’’
उन्होंने बताया कि सोयाबीन के मुद्दे पर 13 सितंबर (शुक्रवार) को राज्य के हरदा जिले में बड़ी किसान रैली होगी जिसमें प्रदेश भर के कृषक नेता जुटेंगे।
भाषा हर्ष जितेंद्र
जितेंद्र
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