scorecardresearch
Sunday, 17 November, 2024
होमदेशसेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का '50% से अधिक' 2024 के अंत तक होगा पूरा, 2025 तक नए ऑफिस आंशिक रूप से होंगे तैयार

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ‘50% से अधिक’ 2024 के अंत तक होगा पूरा, 2025 तक नए ऑफिस आंशिक रूप से होंगे तैयार

पहले 3 सामान्य केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) भवनों का निर्माण दिसंबर 2021 में शुरू हुआ और इस नवंबर तक पूरा होना था. सीसीएस में 51 मंत्रालय होंगे जो कि 10 इमारतों में फैले होंगे.

Text Size:

नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक तीन सामान्य केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) भवनों का पहला सेट, जिसे नवंबर तक तैयार होना था, दिसंबर 2024 तक तैयार हो जाएगा.

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इसके साथ, 13,500 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का 50 प्रतिशत से अधिक 2024 के अंत तक पूरा होने की संभावना है.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “संसद और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का काम खत्म हो गया है. 2024 के अंत तक, परियोजना के कई अन्य चालू घटक तैयार हो जाएंगे.

अधिकारी ने कहा, “सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर काम 2021 में शुरू हुआ और तीन साल के भीतर 50 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो जाएगा. परियोजना के पैमाने को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है.”

पहले तीन सीसीएस भवनों का निर्माण – सीसीएस में 10 भवनों में फैले 51 मंत्रालय और विभाग होंगे, और एक सेंट्रल कॉन्फ्रेंस हॉल होगा – दिसंबर 2021 में शुरू हुआ और इस साल नवंबर तक पूरा होना था. 3,141.99 करोड़ रुपये की यह परियोजना अक्टूबर 2021 में लार्सन एंड टुब्रो को सौंपी गई थी.

दूसरे अधिकारी ने कहा, ”तीनों इमारतें अगले साल दिसंबर तक तैयार हो जाएंगी और इनमें करीब 18,000 सरकारी कर्मचारियों के रहने की जगह होगी. शेष 22,000 से अधिक कर्मचारियों को शेष सात भवनों में समायोजित किया जाएगा. यह एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है. वर्तमान में, परियोजना का लगभग 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है. काम तेज़ गति से चल रहा है.”

सीसीएस इमारतों के अलावा, परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा इन दस इमारतों में से एक सीसीएस 10 के निर्माण के लिए भी निविदा आमंत्रित करने की संभावना है, जो वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों को आवासीय सुविधा प्रदान करने वाले रक्षा भवन के पास बनेगा.

वर्तमान में, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव और कार्यकारी एन्क्लेव का निर्माण कार्य जारी है, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), इंडिया हाउस, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) शामिल हैं.

दूसरे अधिकारी ने कहा, “वीपी एन्क्लेव का निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है जबकि एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव का लगभग 15 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.” वीपी एन्क्लेव, जिस पर 2021 के अंत में काम शुरू हुआ था, नवंबर 2022 तक पूरा होना था. अधिकारी ने कहा, “इसके (वीपी एन्क्लेव) अगले साल की शुरुआत तक तैयार होने की संभावना है.”

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि संपूर्ण सेंट्रल विस्टा परियोजना 2026 के प्रारंभिक समय सीमा से आगे बढ़ने की संभावना है.

पहले अधिकारी ने कहा, “सीसीएस भवनों के अगले सेट के निर्माण के लिए, निर्माण भवन आदि जैसी मौजूदा इमारतों को ध्वस्त करना होगा. यह तभी संभव है जब मौजूदा भवनों में संचालित होने वाले कार्यालयों को नए भवनों में स्थानांतरित किया जायेगा. 2027-28 तक, 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा होने की संभावना है.”

दिप्रिंट ने आधिकारिक टिप्पणी के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से संपर्क किया है. प्रतिक्रिया मिलते ही स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.

ट्रैफिक सर्वे कराया जाएगा

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि शहर के मध्य में विकसित किए जा रहे नए बुनियादी ढांचे के साथ यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि क्षेत्र में ट्रैफिक की वजह से ज्यादा भीड़ न हो. इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी ट्रैफिक सर्कुलेशन स्टडी कराने जा रहा है.

दूसरे अधिकारी ने कहा, ”हमने पहले भी ट्रैफिक वॉल्यूम का अध्ययन करवाया है. अब, हम इलाकों और उसके आसपास ट्रैफिक मूवमेंट और सर्कुलेशन का अध्ययन करवा रहे हैं. अध्ययन के आधार पर, यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएंगे कि पूरी परियोजना पूरी होने के बाद ट्रैफिक की कोई भीड़ न हो.

अधिकारियों ने कहा कि अध्ययन आसपास के इलाकों में भी किया जाएगा. “हम परियोजना स्थल से 4-5 किमी तक के प्रभाव क्षेत्रों (वे क्षेत्र जहां निर्माण कार्य के कारण यातायात प्रभावित होगा) को भी देखेंगे. अध्ययन 4-5 महीने में पूरा हो जाएगा. हम इसके लिए एक सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः दिल्ली-NCR का दो डेवलपमेंट प्लान 2 साल से अटका हुआ है. यहां जानिए कि इसे होल्ड पर क्यों रखा गया है


 

share & View comments