झारसुगुड़ा (ओडिशा), 27 सितंबर (भाषा) दूरसंचार अवसंरचना को मजबूती देते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के स्वदेशी 4जी नेटवर्क का उद्घाटन किया, जिससे भारत दूरसंचार उपकरण बनाने वाले प्रतिष्ठित देशों की सूची में शामिल हो गया।
बीएसएनएल की रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 97,500 से अधिक 4जी मोबाइल टावरों का भी उद्घाटन किया, जिनमें से 92,600 टावर इसी टेलीकॉम सेवा प्रदाता की 4जी तकनीक से लैस हैं।
इन टावरों का निर्माण लगभग 37,000 करोड़ रुपये की लागत से स्वदेशी प्रौद्योगिकी के साथ किया गया है।
स्वदेशी 4जी नेटवर्क की शुरुआत के साथ ही भारत डेनमार्क, स्वीडन, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी दूरसंचार उपकरण बनाते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि भारत विनिर्मित प्रणाली क्लाउड-आधारित, भविष्योन्मुखी और इसे 5जी में निर्बाध रूप से तब्दील किया जा सकता है।
एक अधिकारी के बयान के अनुसार, स्वदेशी 4जी नेटवर्क की शुरुआत प्रधानमंत्री के ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाएगा, साथ ही बीएसएनएल के 5जी नेटवर्क की शुरुआत करने और एकीकरण का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
इस शुरुआत के साथ 26,700 से अधिक दूर-दराज, सीमावर्ती और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों के गांवों को कनेक्शन मिलेगा, जिनमें ओडिशा के 2,472 गांव भी शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि इससे 20 लाख से अधिक नए ग्राहकों को सेवा मिलेगी।
ये टावर सौर ऊर्जा से संचालित हैं, जिससे ये भारत के सबसे बड़े हरित दूरसंचार केंद्रों का समूह बन गए हैं और यह सतत् ढांचा तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने डिजिटल भारत निधि के माध्यम से भारत के 100 प्रतिशत 4जी सेचुरेटेड नेटवर्क का भी अनावरण किया, जिसमें मिशन मोड परियोजना के तहत 29,000 से 30,000 गांवों को जोड़ा गया है।
भाषा खारी माधव
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