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Friday, 22 November, 2024
होमदेश'महिलाओं के साथ हिंसा पर जीरो टॉलरेंस का रवैया', मणिपुर वीडियो मामले में केंद्र ने SC को दिया जवाब 

‘महिलाओं के साथ हिंसा पर जीरो टॉलरेंस का रवैया’, मणिपुर वीडियो मामले में केंद्र ने SC को दिया जवाब 

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने और उनके साथ छेड़छाड़ का वीडियो सामने आने पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब देने को कहा था.

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को एक एफिडेविट के जरिए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार का ‘महिलाओं के प्रति किसी भी तरह के अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस का रवैया’ है और बताया कि मणिपुर में दो महिलाओं के वायरल वीडियो का मामला सीबीआई को ट्रांसफर करने का फैसला किया गया है.

केंद्र सरकार ने यह फैसला मणिपुर सरकार की सहमित पर लिया है, हलफनामे में कहा गया है कि दो महिलाओं के वायरल वीडियो का मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा. इसमें कहा गया है, “यही एक कारण है कि केंद्र सरकार ने (राज्य सरकार की सहमति से) जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी यानी सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है.”

इसमें कहा गया है कि बाकी सीनियर पुलिस अधिकारियों की निगरानी में पहचाने गए अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर कई जगहों पर बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं.

एफिडेविट के मुताबिक, “मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई, 2023 को लिखे पत्र के जरिए सचिव, डीओपीएंडटी को मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है, जिसमें कि 27 जुलाई, 2023 के पत्र के माध्यम से गृह मंत्रालय द्वारा सचिव, डीओपीएंडटी को यथाउचित सिफारिश की गई है.”

केंद्र ने मणिपुर में दो महिलाओं के वायरल वीडियो को लेकर अपने एफिडेविट में कहा है, “केंद्र सरकार मौजूदा अपराध को बेहद जघन्य मानती है, इसे न केवल गंभीरता से लिया जाना चाहिए, बल्कि न्याय होते हुए दिखना चाहिए ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संबंध में पूरे देश में डर पैदा हो.”

इसमें कहा गया है कि मणिपुर में दो महिलाओं पर यौन उत्पीड़न और हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय मामले के सामने आने के बाद लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है.

केंद्र ने कहा कि राज्य सरकार ने जांच के दौरान यह बताया है कि 7 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच के लिए इन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

इसमें सिफारिश की गई है कि मामले में ट्रायल राज्य के बाहर होना चाहिए और इसे 6 महीने में पूरा किया जाना चाहिए.

“केंद्र सरकार का भी मानना है कि न केवल जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए बल्कि ट्रायल निश्चित समय में हो जो कि मणिपुर के बाहर होना चाहिए.”

केंद्र ने अपने एफिडेविट में कहा है, “लिहाजा केंद्र सरकार ने कोर्ट से खास निवेदन किया है कि पूरा का पूरा मामला, ट्रायल समेत मणिपुर के बाहर भेजने का आदेश दे. किसी भी राज्य के बाहर मामले/मुकदमे को स्थानांतरित करने की शक्ति केवल इसी न्यायालय के पास है और इसलिए, केंद्र सरकार कोर्ट से यह निवेदन कर रही है कि सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर मुकदमे को पूरा करने के निर्देश के साथ, ऐसा आदेश पारित करे.”

इससे पहले, दो जनजातीय महिलाओं के नग्न परेड कराए जाने, उनके साथ छेड़छाड़ का वीडियो सामने आने पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह “बहुत दुखी” है, और केंद्र व राज्य सरकार से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कही थी एक्शन लेने की बात

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा व मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा था कि यह ‘बिल्कुल अस्वीकार्य’ है और हिंसा में महिलाओं के यंत्र की तरह इस्तेमाल करना स्वीकार नहीं है.

पिछले हफ्ते वीडियो के सामने आने पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से इस पर उठाए कदम की जानकारी दे.

सीजेआई ने कहा था, “बिल्कुल अस्वीकार्य है. साम्प्रदायिक कलह के दौरान महिलाओं को यंत्र की तरह इस्तेमाल कर लैंगिक हिंसा भड़काना बेहद परेशान करने वाला है. यह संवैधानिक दुरुपयोग और मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है. हम सामने आए इन वीडियो से बहुत परेशान हैं. अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती तो हम करेंगे.”

पीठ ने कहा कि इस तरह की हिंसा में गिरफ्तार किए गए अपराधियों और इसे रोकने के लिए सरकार उठाए गए कदमों की जानकारी दे.

पीठ ने कहा था कि, “वीडियो मई महीने का हो सकता है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.”

शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था, “मीडिया में जो दिखाया गया है और जो दृश्य सामने आए हैं, वे घोर संवैधानिक उल्लंघन को दिखाते हैं और महिलाओं को हिंसा के साधन के तौर पर इस्तेमाल करके मानव जीवन का उल्लंघन करना संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है.”

शीर्ष अदालत आज मणिपुर हिंसा को लेकर कई याचिकाओं की सुनवाई करेगा. टॉप कोर्ट ने मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई हिंसा से संबंधित मामलों को सीज किया है.


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