नई दिल्ली: केंद्र ने बृहस्पतिवार को जीएसटी संग्रह में कमी की क्षतिपूर्ति के लिये राज्यों को कर्ज सुविधा के तहत शेष 44,000 करोड़ रुपये जारी किये. इसके साथ चालू वित्त वर्ष में यह राशि 1.59 लाख करोड़ रुपये हो गयी है.
कर्ज सुविधा के तहत जारी कोष दो महीने पर जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में दी जा रही राशि के अलावा है. राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह से प्राप्त राशि से दी जा रही है.
इस साल 28 मई को जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक में यह निर्णय किया गया था कि केंद्र 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगा और उसे समय-समय पर राज्यों तथा विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी करेगा. ताकि जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में एकत्रित अपर्याप्त राशि के कारण मुआवजे में कमी से संसाधनों में अंतर को पूरा किया जा सके.
यह राशि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में अपनाये गये सिद्धांत के अनुरूप है. उस दौरान 1.10 लाख करोड़ रुपये राज्यों को जारी किये गये थे.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘मंत्रालय ने राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के बदले बृहस्पतिवार को 44,000 करोड़ रुपये जारी किये. यह राशि कर्ज सुविधा व्यवस्था के तहत जारी की गयी है.’
इससे पहले, मंत्रालय ने 15 जुलाई और सात अक्टूबर को क्रमश: 75,000 करोड़ रुपये और 40,000 करोड़ रुपये जारी किये थे.
बयान के अनुसार बृहस्पतिवार को 44,000 करोड़ रुपये जारी किये जाने के साथ चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति के बदले कर्ज सुविधा व्यवस्था के तहत 1.59 लाख करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं.
कुल 1.59 लाख करोड़ रुपये की यह राशि एक लाख करोड़ रुपये से अधिक कोष (उपकर संग्रह के आधार पर) के अलावा है जो इस वित्त वर्ष के दौरान राज्यों/विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए जाने का अनुमान है.
बयान के अनुसार 44,000 करोड़ रुपये की राशि का वित्त पोषण चालू वित्त वर्ष में भारांश औसत प्रतिफल 5.69 प्रतिशत पर जारी भारत सरकार की प्रतिभूतियों के जरिये किया गया है.
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