नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरे देश से प्लास्टिक पर प्रतिबंध की योजना बना रही है. इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि दूध पैक करने में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा.
पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने मंगलवार को एक बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह फैसला लिया. मंत्रालय ने सभी सहकारियों से प्लास्टिक पैकेट के इस्तेमाल करने पर रोक लगाने और हर 15 दिनों में एक बैठक करने को कहा है.
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सरकार छोटे प्लास्टिक पैकेट के इस्तेमाल करने पर रोक लगाना चाहती है और तीन आर के फॉर्मूले पर काम करना चाहती है. 3 आर का मतलब – रिड्यूस, रिबेट और रिसाइकल. राज्य और राष्ट्रीय स्तर के सहकारियों ने सरकार के इस फैसला कै स्वागत किया है और इस दिशा में काम करने की इच्छा जताई है.
इस्तेमाल में कमी
दूध सहकारी संगठनों से कहा गया है कि एक लीटर के बडे़ पैकेट के दामों को कम कर दिया जाए और आधे लीटर के छोटे पैकेट के दामों को बढ़ा दिया जाए.
मंत्रालय केअधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि इससे लोग प्लास्टिक पैक दूध को कम खरीदेंगे.
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छूट देना
दूध खरीदने वालों को प्रतोत्साहित किया जाए कि वो प्लास्टिक के पैकेट को अपने विक्रेताओं को वापस कर दें जिससे दोबारा इसका इस्तेमाल किया जा सके. दूध उत्पादकों को अपने ग्राहकों को प्लास्टिक पैकेट वापस देने पर कैशबैक देना चाहिए.
दोबारा प्रयोग करना
तीसरी प्रक्रिया में प्लास्टिक पैकेट को दोबारा प्रयोग करने लायक बनाने के लिए प्रसंस्करित किया जाएगा. जिसको बाद में छोटे टुकड़ों में बदलकर रोड बनाने में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
प्लास्टिक पैकेट का इस्तेमाल कम करने पर जोर
पशुपालन मंत्रालय के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने दिप्रिंट को बताया कि सरकार अक्टूबर 2019 तक दूध के प्लास्टिक पैकेट का इस्तेमाल आधा करना चाहती है. उन्होंने कहा अमूल और मदर डेयरी के दूध पैकेट से निकलने वाले कूड़े से दिल्ली के नाले जाम हो जाते हैं.
मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस फैसले को सबसे पहले मेट्रो पॉलिटियन शहरों में कार्यान्वित किया जाएगा. आगे के बारे में सोचते हुए अधिकारी ने कहा कि हम प्लास्टिक पैकेट की जगह ग्लास बोतल को लाने की योजना पर विचार करेंगे.
मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि ग्लास के बोतल का इस्तेमाल करने पर दूध के दामों में 4-5 रुपए की बढ़ोत्तरी हो सकती है. सरकार योजना बना रही है कि वो इसके तहत 1-2 रुपए की सब्सिडी दे सकती है. फिलहाल इस योजना को होल्ड पर रखा गया है.
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भारत प्रतिदिन 25,490 टन प्लास्टिक पैदा करता है
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2018 में अपने एक अध्ययन में कहा था कि भारत 25,490 टन प्लास्टिक हर दिन उत्पादित करता है. अध्ययन में ये भी बताया गया था कि पैकेजिंग सेक्टर सबसे ज्यादा प्लास्टिक कूड़ा पैदा करता है.
अभी भारत केवल कुल प्लास्टिक कूड़े का 60 प्रतिशत ही प्रॉसेस करता है. महाराष्ट्र उन कुछ राज्यों में शामिल है जिसने जून 2018 में हर तरह के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया था.