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Friday, 19 April, 2024
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प्लास्टिक वेस्ट से सड़क तैयार करने वाला यूपी का पहला शहर बना लखनऊ

चेन्नई, पुणे, जमशेदपुर और इंदौर के बाद,अब लखनऊ उन शहरों में शामिल हो गया है जो सड़कों को बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कर रहा है.

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लखनऊ: यूपी में पहली बार पॉलिथीन के वेस्ट से सड़क बन रही है. राजधानी लखनऊ में यह सड़क पुलिस भवन के पास गोमती नगर विस्तार में बन रही है. ये सड़क 300 मीटर लंबी और आठ मीटर चौड़ी है. दरअसल प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए कई भारतीय शहरों ने पर्यावरण के अनुकूल तरीकों का सहारा लिया है. चेन्नई, पुणे, जमशेदपुर और इंदौर के बाद अब लखनऊ उन शहरों में शामिल हो गया है, जो सड़कों को बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कर रहा है.

दस फीसदी कम है लागत

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के जुड़े लोगों का कहना है कि इसकी लागत 10 फीसदी कम है. वहीं इसके बाद अगली सड़क आईआईएम के पास एल्डिको कॉलोनी की अप्रोच रोड होगी. एलडीए ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्टिक कचरे का इस्तेमाल करके सड़क बनाना शुरू किया है. प्लास्टिक कचरे का इस तरह इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल एक कदम है. शुरूआती चरण में इस पर्यावरण के अनुकूल पहल का उपयोग गोमती नगर पुलिस स्टेशन से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम लखनऊ) तक सड़क बनाने के लिए किया जी रहा है.


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बता दें कि यूपी में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एलडीए प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल सड़क बनाने में कर रहा है. एलडीए के मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सड़क बनाने में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल हो रहा है. उनका कहना है कि प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल से बनने वाली सड़कों की मजबूती 40 से 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और वो टिकाऊ भी रहती हैं. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में लगने वाले तारकोल में 8-10 फीसदी प्लास्टिक कचरा मिलाया जा रहा है. जिससे बनने वाली सड़कें मजबूत होंगी.

राजधानी के अन्य इलाकों में भी बनेगी ऐसी सड़क

एलडीए के मुख्य अभियंता के मुताबिक एलडीए सड़क निर्माण में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) के सभी दिशानिर्देशों का पालन करेगा. हमने घोषणा की थी कि हम विश्व पर्यावरण दिवस पर भविष्य में सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग करेंगे. एलडीए अगले दो साल में इस पर और शोध करेगा ताकि यह पता चल सके कि इसमें और कितना सुधार हो सकता है. गोमतीनगर विस्तार स्थित सेक्टर-7 में प्लास्टिक के कचरे से सड़क बनाने का प्रयोग सफल रहा, तो अन्य इलाकों में भी प्लास्टिक के कचरे से सड़क बनाई जाएगी. इससे शहर में फैले प्लास्टिक के कचरे से लोगों को काफी हद तक निजात मिलेगी.

हालांकि, जानकारों का कहना है कि लखनऊ शहर में जितना प्लास्टिक कचरा पूरे साल में निकल रहा है. उसे खपाने में करीब 2640 किमी सड़क हर साल बनानी होगी. एलडीए खुद औसतन 300 किमी लंबाई की सड़क इससे बनाएगा. उसकी सभी योजनाओं में अब प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर सड़कें बनेंगी. लेकिन, पूरा प्लास्टिक कचरा खपाने के लिए एलडीए व नगर निगम जैसे विभागों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए लिंक रोड में भी इसका उपयोग करना होगा. एलडीए अकेले पूरा प्लास्टिक कचरा नहीं खपा सकता है.

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