नई दिल्ली: केन्द्रीय पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद को बताया कि अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्र ने कितना निवेश किया है, इस बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी.
उनसे पूछा गया था कि विगत पांच वर्ष के दौरान अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्र ने कितना निवेश किया है और इसका ब्यौरा क्या है.
इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘विभाग के पास कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.’
इसरो के कुछ कार्य निजी क्षेत्रों को सौंपे जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार निजी कंपनियों के लिए समान अवसर प्रदान करने और उन्हें सभी अंतरिक्ष गतिविधियों को पूरा करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए थे.
उन्होंने कहा, ‘इसलिए निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों को भी करने में सक्षम बनाया जाएगा, जिसमें उपग्रहों तथा प्रक्षेपण यानों का निर्माण और प्रक्षेपण, भू-अवसंरचना की स्थापना एवं संचालन, अंतरिक्ष आधारित सेवाएं और अनुप्रयोग शामिल हैं.’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह बताना है कि अनुसंधान एवं विकास संबंधी गतिविधियों, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशनों, राष्ट्रीय महत्व के मिशन, मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम, विज्ञान एवं अन्वेषण संबंधित मिशन और रणनीतिक मिशनों को पूरा करने की इसरो की जिम्मेदारी बरकरार है.
सिंह ने कहा कि भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के अंतरिक्ष क्षमता के विस्तार के लिए अंतरिक्ष सुधारों की घोषणा की है.
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष संबंधी क्रियाकलापों को आयोजित करने के लिए निजी प्रतिभागियों को बढ़ावा देने, ठोस सहायता प्रदान करने और लाइसेंस प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों के भाग के रूप में अंतरिक्ष विभाग के अधीन भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) नामक राष्ट्रीय स्तर की एक स्वायत्त नोडल एजेंसी बनाया है.
उन्होंने कहा, ‘अंतरिक्ष की गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुसाध्य बनाने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र की मौजूदा नीतियों को संशोधित किया गया है और नई नीतियों का मसौदा तैयार कर क्रियान्वित किया जा रहा है. अंतरिक्ष विभाग भारत सरकार द्वारा घोषित अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों को लागू करने की प्रक्रिया में है.’