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Thursday, 25 April, 2024
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देश के गरीब बुजुर्ग को मोदी सरकार का तोहफा- अब घर तक पहुंचेगी पूर्वोत्तर में बनी बांस की छड़ी

आरवीवाई योजना के लाभार्थी वे होंगे जिन्हें केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के तहत वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है.

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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर से बांस की छड़ी लाकर, उन्हें डाक द्वारा देश भर के ‘योग्य’ वरिष्ठ नागरिकों तक पहुंचाने का फैसला किया है.

सरकार ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) को विस्तार देने के लिए ये योजना तैयार की है, जिसके तहत जरूरतमंद बुजुर्गों को सहारा लेकर चलने के लिए बांस की छड़ी, बैसाखी, वॉकर के अलावा कान की मशीन जैसे उपयोगी उपकरण उपलब्ध कराए जा सकें. गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को व्हीलचेयर, कृत्रिम दांत और चश्मा भी इस योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराया जाएगा. आरवीवाई को 2017 में लॉन्च किया गया था.

इस योजना के लाभार्थी वे होंगे जिन्हें केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के तहत वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि केंद्र योजना को संस्थागत बनाने और ‘गैर-मूल्यांकन आधारित’ घटक को शामिल कर इसे आगे बढ़ाने पर काम कर रहा है, ताकि अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो सकें. इसका मकसद पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकारों और कारीगरों को भी बढ़ावा देना और उनके लिए कारोबार के मौके बढ़ाना भी है.

वॉकिंग स्टिक का वितरण इस साल अगस्त से पहले शुरू होने की उम्मीद है.

अधिकारी ने बताया, ‘इस योजना का लक्ष्य वरिष्ठों की उम्र से जुड़ी समस्या का मूल्यांकन कर सहायक उपकरण उपलब्ध कराना है ताकि देश के तमाम वरिष्ठ नागरिकों को उम्र के इस पड़ाव पर होने वाली समस्याओं से निजात मिल सके.’ ‘इसका उद्देश्य ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लागू केंद्र सरकार की पेंशन योजना के तहत वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को छड़ी वितरित करना भी है.’

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अधिकारी ने यह भी बताया कि ‘वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले बुजुर्गों में से, 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को योजना के तहत स्वतः चयनित किया जाएगा. डाक पार्सल नेटवर्क का उपयोग करके उनके दरवाजे तक बांस की छड़ी पहुंचाई जाएगी.उन्होंने बताया कि ‘ये सभी सहायक उपकरण उच्च गुणवत्ता वाले होंगे.’

अधिकारी ने कहा कि योजना परिव्यय का लगभग 30 प्रतिशत पूर्वोत्तर परिषद के माध्यम से क्षेत्र से इन वॉकिंग स्टिक्स की सोर्सिंग के लिए अलग रखा जाएगा, जो इसके आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए वैधानिक सलाहकार निकाय है.


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क्या है आरवीवाई योजना 

आरवीवाई योजना को सामाजिक न्याय मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (ALIMCO) के माध्यम से पूरे देश में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र-वार लागू किया जा रहा है.

यह योजना 2017 से लागू है, और सरकार अगले चार वर्षों में इसके लिए अपना वित्त पोषण 1,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना बना रही है, अधिकारी ने कहा, इस योजना का उद्देश्य इस चार साल में कम से कम एक करोड़ वरिष्ठ नागरिकों तक अपनी पहुंच बनाने का है. 2019-2020 में जब योजना शुरू की गई थी तब इस योजना के कार्यान्वयन के लिए निर्धारित राशि 450 करोड़ रुपये से अधिक थी.

योजना के दायरे का विस्तार करने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय का प्रस्ताव बताता है, ‘देशभर में योजना का विस्तार करते हुए प्रति लाभार्थी लाभों को युक्तिसंगत बनाने का प्रयास किया जा रहा है,’

वह आगे बताते हैं कि, संसाधनों की कमी को देखते हुए, योजना एक नए घटक का भी प्रस्ताव करती है जो गैर-मूल्यांकन आधारित होगा और एक वॉकिंग स्टिक के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को आसान बनाने का प्रयास करेगा, सामान्य तौर पर बुजुर्ग आबादी के लिए यह बहुत ही जरूरी भी है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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