मुंबई: इस साल के अंत में होने वाले मुंबई निकाय चुनाव के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार शुक्रवार को मुंबई का दौरा करेंगे, जहा वह दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने और दो इंट्रासिटी फ्लाईओवर सहित एक वाहन अंडरपास का भी उद्घाटन करेंगे.
मुंबई के मरोल में दाउदी बोहराओं के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान अलजामिया-तुस-सैफियाह के एक नए परिसर का उद्घाटन करके पीएम बोहरा समुदाय तक पहुंचने की कोशिश करेंगे.
19 जनवरी को मुंबई की अपनी पिछली यात्रा के दौरान, मोदी ने दो नई मेट्रो रेलवे लाइनों का उद्घाटन किया था और कुछ अन्य परियोजनाओं की ग्राउंडब्रैकिंग में हिस्सा लिया था, जिसमें सीवेज उपचार संयंत्र और सड़क निर्माण शामिल थे.
मंगलवार को पीएम द्वारा हरी झंडी दिखाने वाली दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें मुंबई और सोलापुर और मुंबई और शिरडी के बीच चलेंगी और मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से शुरू होंगी.
मोदी कुर्ला से वकोला तक 3.8 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड और कुर्ला के एलबीएस रोड और एमटीएनएल जंक्शन के बीच 1.2 किलोमीटर के फ्लाईओवर का भी डिजिटल उद्घाटन करेंगे- दोनों का उद्देश्य मुंबई के आलीशान बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स बिजनेस डिस्ट्रिक्ट के साथ-साथ मलाड के कुरार गांव में एक वाहन अंडरपास बनाकर भीड़ को कम करना है. राज्य सरकार से यह जानकारी मिली है.
गुरुवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमें खुशी होनी चाहिए कि पीएम इतनी बार मुंबई आ रहे हैं. हमें आशा है कि वह यहां अधिक बार आते रहेंगे. इसका मतलब है कि महाराष्ट्र और मुंबई पीएम के एजेंडे में हैं. इसलिए मैं समझता हूं कि इस यात्रा को अलग तरीके से देखने का कोई कारण नहीं है.”
उन्होंने कहा: “दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना श्रद्धालुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बहुत से तीर्थयात्री शिरडी जाते हैं. सोलापुर जिला एक बहुत ही आध्यात्मिक जिला है. पंढरपुर और अक्कलकोट जैसी जगहें हैं, जिन्हें अब मुंबई से बहुत तेज़ कनेक्टिविटी मिलेगी.”
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव इसी साल होने की उम्मीद है. पिछले आम निकाय का कार्यकाल पिछले साल 8 मार्च को समाप्त हो गया था और तब से नागरिक निकाय राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधिकार क्षेत्र में है.
पिछले साल जब एकनाथ सिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों के एक समूह ने भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए पार्टी से नाता तोड़ लिया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई. शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबांची शिवसेना और भाजपा गठबंधन ने राज्य में सरकार बनाई और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया.
जबकि अविभाजित शिवसेना पिछले 25 वर्षों से बीएमसी में सत्ता में है, इस कार्यकाल में अधिकांश भाजपा के साथ गठबंधन में है. भाजपा की नज़र इस बार भारत के सबसे अमीर नागरिक निकाय का नियंत्रण हासिल करने पर है.
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दाऊदी बोहरा समुदाय पर नज़र
राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन के बाद, मोदी अल्जामी-तुस-सैफियाह के नए मुंबई परिसर का उद्घाटन करने के लिए मरोल जाएंगे.
संस्थान की वेबसाइट के अनुसार संस्थान का मुख्य परिसर सूरत में है, जबकि इसके कराची और नैरोबी में भी परिसर हैं. संस्था ने 2013 में “अस्थायी सेटिंग्स” में मुंबई में कक्षाएं शुरू कीं, जबकि मरोल में परिसर अभी भी निर्माणाधीन था.
मोदी ने गुरुवार को उद्घाटन के बारे में ट्वीट करते हुए कहा, “दाउदी बोहराओं के महान लोकाचार के अनुरूप, मुझे यकीन है कि यह परिसर छात्रों को भविष्य में सीखने का माहौल प्रदान करेगा.”
Will be in Mumbai tomorrow evening and join the programme to mark the inauguration of the new campus of @jamea_saifiyah Arabic Academy. In line with the great ethos of the @Dawoodi_Bohras, I am sure this campus will provide a futuristic learning environment to students. https://t.co/0WchjCAY0f
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2023
पिछले महीने, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हाशिए पर पड़े समुदायों तक पहुंचने का निर्देश दिया था, विशेष रूप से पसमांदा और बोहरा मुसलमानों का उल्लेख किया, भले ही वे पार्टी को वोट दें या नहीं.
पसमांदा या पिछड़े मुसलमानों में भारत के लगभग 80-85 प्रतिशत मुसलमान शामिल हैं, जबकि बोहरा एक अधिक समृद्ध समूह हैं, जो भारत में ज्यादातर गुजरात- पीएम मोदी के गृह राज्य और महाराष्ट्र में केंद्रित हैं.
महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने निर्धारित उद्घाटन के बारे में कहा, “भाजपा किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है. पीएम मोदी ने कहा है, सबका साथ, सबका विकास और यही बीजेपी का आदर्श वाक्य है. समुदाय ने निमंत्रण दिया और पीएमओ ने स्वीकार कर लिया. इसके बारे में कुछ भी राजनीतिक नहीं है.”
अलजामी-तुस-सैफियाह के अन्य परिसरों का भी राष्ट्राध्यक्षों द्वारा उद्घाटन किया गया है. अरबी संस्थान के नैरोबी परिसर का उद्घाटन तत्कालीन केन्याई राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा ने 2018 में किया था, जबकि कराची परिसर का उद्घाटन 1983 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक ने किया था.
(संपादन: कृष्ण मुरारी)
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