आइजोल, 14 जुलाई (भाषा) मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पड़ोसी म्यांमा में जुंटा विरोधी समूहों के बीच हालिया सशस्त्र संघर्ष पर चर्चा की। एक आधिकारिक बयान में यहां यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया है कि फिलहाल दिल्ली में मौजूद लालदुहोमा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और मिजोरम पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभाव के बारे में बात की।
अधिकारियों ने बताया कि म्यांमा के चिन राज्य में दो संगठनों के बीच क्षेत्रों पर नियंत्रण को लेकर हाल ही में हुई गोलीबारी के कारण सीमावर्ती गांवों के 4,000 से अधिक लोग भागकर मिजोरम में प्रवेश करने को मजबूर हुए। वर्ष 2021 में म्यांमा की सेना द्वारा सरकार पर नियंत्रण करने के बाद से 32,000 से अधिक शरणार्थियों को मिजोरम ने शरण दी है।
संघर्ष में शामिल दो जातीय समूह चिन राष्ट्रीय रक्षा बल (सीएनडीएफ) और चिनलैंड रक्षा बल (सीडीएफ) हैं।
म्यांमा के नागरिकों ने तीन जुलाई से पूर्वोत्तर राज्य के चम्फाई जिले के जोखावथर क्षेत्र में प्रवेश करना शुरू कर दिया था।
अधिकारियों ने हालांकि बताया कि उनमें से अधिकांश शनिवार से म्यांमा में अपने गांवों में लौटने लगे हैं, क्योंकि सीएनडीएफ एक दिन पहले ख्वामावी और रिह खावदार गांवों से हट गया था।
बयान में कहा गया है कि लालदुहोमा ने प्रधानमंत्री के साथ थेनजोल पीस सिटी परियोजना, सेरछिप जिले में आइजोल और थेनजोल के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के सुधार और पाइप गैस कनेक्शन सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।
बयान में कहा गया है कि लालदुहोमा ने प्रधानमंत्री को बताया कि इंद्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड (आईजीजीएल) वर्तमान में आइजोल के निवासियों को पाइप गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए 9,265 करोड़ रुपये की परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने मोदी से नई बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन और सैरांग रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने का भी अनुरोध किया।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने यथाशीघ्र ही वहां पहुंचकर इनका उद्घाटन करने पर सहमति जताई।
भाषा संतोष प्रशांत
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