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Friday, 29 March, 2024
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राम मंदिर निर्माण के लिए पुणे की एमआईटी ने ​किया 21 करोड़ का दान, ट्रस्ट ने कहा, भविष्य में हम लोगों से भी मांगेंगे मदद

एमआईटी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने घोषणा की है कि वह 13 वीं सदी के संत ज्ञानेश्वर और 17 वीं सदी के संत तुकाराम महाराज के नाम पर 21 करोड़ रुपये का दान देगी.

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नई दिल्ली:अयोध्या में हो रहे राम मंदिर निर्माण के लिए महाराष्ट्र स्थित पुणे की एमआईटी (महाराष्ट्र प्रौद्योगिकी संस्थान) वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने 21 करोड़ रुपए का दान दिया है.

एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी की स्थापना एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा की गई है जो महाराष्ट्र में कई अन्य शिक्षण संस्थान भी चलाता है.

एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के बयान के अनुसार, ‘अयोध्या भारत की आध्यात्मिक राजधानी है. यहां राम मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस पवित्र निर्माण कार्य में वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी,पुणे 21 करोड़ रुपए का योगदान देगा.’

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी देव गिरी महाराज ने दिप्रिंट को बताया, ‘शैक्षणिक संस्थान एमआईटी ने अभी चंदा दिया नहीं है, देने की केवल घोषणा की है. एमआईटी से हमने कोई अपील नहीं की थी लेकिन राम जी के लिए उन्होंने यह किया है.’

गिरी ने आगे कहा, ‘आगे जाकर हम समाज और छात्रों से भी राम मंदिर के लिए दान करने की अपील करेंगे. एमआईटी एकमात्र शिक्षण संस्थान है जिसने अब तक मंदिर निर्माण के लिए दान देने की घोषणा की है. कोई और शैक्षणिक संस्थान चंदा देने के लिए आगे नहीं आई है.’

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एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक और अध्यक्ष प्रो डॉ. विश्वनाथ डी कराड ने अपने बयान में कहा, विश्वविद्यालय द्वारा दी गई राशि से राम मंदिर में जो कार्य होगा वह 13 वीं शताब्दी के संत ज्ञानेश्वर और 17 वीं सदी के संत तुकाराम महाराज के नाम पर होगा. ये दोनों संत महाराष्ट्र से ही आते हैं.

बयान के मुताबिक, ‘विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद के संदेश 21 वीं सदी में भारत एक विश्वगुरु के रूप में बढ़ेगा और दुनिया को खुशी, संतुष्टि और शांति के लिए मार्गदर्शन करेगा.’

इस विश्वविद्यालय की स्थापना प्रोफेसर डॉ.विश्वनाथ.डी. कराड द्वारा की गई है. कराड स्वामी विवेकानंद के दर्शन में विश्वास रखते है और ‘मूल्य-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने’ के अपने लक्ष्य का अनुसरण कर रहे हैं.

इस विश्वविद्यालय के सलाहकार बोर्ड में प्रख्यात वैज्ञानिक रघुनाथ माशेलकर और विजय भाटकर जैसे नाम भी हैं.

विश्वविद्यालय के आधिकारिक बयान के अनुसार,’राम मंदिर निर्माण में 21 करोड़ रुपए के योगदान के लिए एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी पुणे, एमआईटी आर्ट डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी लोनी कालभोर, अवंतिका यूनिवर्सिटी उज्जैन मध्यप्रदेश, इंडिया इंटरनेशनल मल्टीवर्सिटी पुणे के अलावा 75,000 छात्र और 5 हज़ार शिक्षकों के साथ साथ 5 हजार अन्य कर्मचारियों का सहयोग लिया गया है. इन सभी के सहयोग से इतनी राशि जुट सकी है.’

राम मंदिर वीएचपी और ट्रस्ट कर रहा है अपील

राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने के लिए वीएचपी द्वारा लगातार अपील भी की जा रही है. वीएचपी के फेसबुक पेज के माध्यम से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अयोध्या स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते की जानकारी शेयर की जा रही है.


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इसके अलावा श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट भी अपनी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से दान देने के लिए अपील कर रहा है.विश्व हिंदू परिषद भी अपने स्तर पर लोगों से स्वेच्छा से चंदा देने के लिए लोगों से अपील कर रहा है.

विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने दिप्रिंट से कहा, ‘अयोध्या में बनने वाले भव्य राममंदिर निर्माण के लिए हम समाज से पूर्व में ही अपील कर चुके हैं. देश में कई विधा के अलग अलग ग्रुप है. मंदिर निर्माण के डोनेशन के लिए सभी से अलग अलग अपील नहीं की जा सकती है. दान देने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट और वीएचपी की तरफ से एक सामान्य अपील पूर्व में की जा चुकी है.अभी तक हमसे किसी भी शैक्षिणक संस्थान ने चंदा देने के लिए संपर्क नहीं किया है.’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा,’वर्तमान में राम निर्माण के चंदे के लिए ट्रस्ट ही अपील कर रहा है और आगे भी वहीं करेगा. भविष्य में क्या करना है इस पर फिर विचार विमर्श किया जाएंगा.’

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