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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशगाजियाबाद में नाबालिग लड़की और लड़के का ‘मां और उसके साथी ने किया यौन उत्पीड़न, मां ने दीं यातनाएं’

गाजियाबाद में नाबालिग लड़की और लड़के का ‘मां और उसके साथी ने किया यौन उत्पीड़न, मां ने दीं यातनाएं’

जनवरी में घर से भाग जाने के बाद दस वर्षीया लड़की को इस साल की शुरुआत में बचा लिया गया. लड़की की मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई है. मां और उसका साथी अब सलाखों के पीछे हैं.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में 10-वर्षीया एक लड़की और उसके 13-वर्षीय भाई का उसकी मां के प्रेमी ने एक साल तक यौन उत्पीड़न किया. मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार, लड़की को वेश्यावृति में धकेले जाने का खतरा था. लड़की अपने घर से भाग गई थी और इस साल की शुरुआत में उसे बचा लिया गया.

गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि जब भी वो आदमी, एक दलाल, दो बच्चों का यौन उत्पीड़न करता था, तो मां उन्हें चुप कराने के लिए यातना देती थी. जब 10 साल की बच्ची भाग गई, तो मां ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई.

बलात्कार के लिए भारतीय दंड संहिता की धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर के कारण आदमी और मां दोनों सलाखों के पीछे हैं. पुलिस के मुताबिक, लड़की की मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हुई है.

अपने पिता की मृत्यु के बाद, बच्चे और उनकी मां कुछ समय के लिए फिरोजाबाद में अपने नाना-नानी के साथ रहे थे. हालांकि, वे जल्द ही मां के साथी, एक पूर्व ड्राइवर जो कि एक दलाल था, की मदद से गाजियाबाद में किराए के मकान में रहने लगे. यह उनके कहने पर ही था कि मां, जो पहले स्क्रैप डीलर का काम करती थीं, ने सेक्स वर्क करना शुरू कर दिया था.

सहायक पुलिस आयुक्त (लोनी) भास्कर शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, “यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर मां बच्चों को प्रताड़ित करती थी.”

उन्होंने कहा कि वे “उन्हें भूखा रखती और उनकी पिटाई करती थी. उन्हें लोहे की छड़ों, सरौता और चाकुओं से धमकाया गया.”

भागने में सफल होने के बाद लड़की को पहली बार इस साल 29 जनवरी को दिल्ली के सराय काले खां इलाके में देखा गया. हालांकि, पुलिस के अनुसार, कुछ समय तक वो अपनी कहानी बदलती रही और बाद में कहती रही कि उसे वो इलाका याद नहीं है जहां वे रहती थी.

शर्मा ने कहा, “शुरुआत में बच्ची पुलिस को बताती रही कि वे आगरा से आई है, उसने गाजियाबाद का ज़िक्र तक नहीं किया. वे (उस आदमी) और अपनी मां के कारण बहुत सदमे में थी और डरी हुई थी. उसके अंदर काफी डर पैदा हो गया था., लेकिन वे धीरे-धीरे खुलने लगी.”

दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया और उन्हें मामले की जानकारी दी. आखिरकार अप्रैल में गाजियाबाद पुलिस इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने में कामयाब रही और एक एफआईआर दर्ज की गई.

एसीपी ने बताया कि मां और पुरुष दोनों ने “अपना अपराध स्वीकार कर लिया है”. बच्ची के भाई का बयान भी दर्ज किया जा रहा है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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