नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) पंचायती राज मंत्रालय ने ‘सरपंच पति’ प्रथा को खत्म करने की अपनी पहल के एक हिस्से के रूप में डिजिटल सामग्री की एक शृंखला तैयार की है, जो स्थानीय ग्रामीण शासन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करती है।
एक बयान के मुताबिक, ग्राम पंचायतों में छद्म प्रतिनिधित्व को समाप्त करने और जमीनी स्तर पर वास्तविक महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के अभियान के तहत मंत्रालय ने ‘द वायरल फीवर (टीवीएफ)’ के साथ मिलकर एक शृंखला तैयार की है, जिसमें निर्वाचित महिला प्रतिनिधि के पुरुष रिश्तेदार के उसका प्रतिनिधित्व करने की प्रथा पर प्रहार किया गया है।
‘पंचायत’ शृंखला की वेब सीरीज के तहत निर्मित इस कार्यक्रम में नीना गुप्ता, चंदन रॉय और फैजल मलिक जैसे प्रसिद्ध कलाकार नजर आएंगे।
शृंखला की पहली कड़ी ‘असली प्रधान कौन?’ का प्रदर्शन चार मार्च को मंत्रालय के ‘सशक्त पंचायत नेत्री अभियान’ की शुरुआत के मौके पर किया गया। यह कड़ी यहां विज्ञान भवन में देशभर से आई पंचायती राज संस्थाओं की 1,200 से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को दिखाई गई।
‘असली प्रधान कौन?’ में दिखाया गया है कि एक महिला ग्राम प्रधान जन कल्याण के लिए अपनी शक्तियों का कितने प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करती है। यह कड़ी ‘सरपंच पति’ की प्रथा को संबोधित करती है, जो पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के संवैधानिक आदेश को कमजोर करती है।
भाषा पारुल संतोष
संतोष
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