मुंबई, दो सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेए पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने मंगलवार को दावा किया कि आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा पूर्व में किये गए आंदोलनों के दौरान बातचीत करने वाले महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अब इस प्रक्रिया में नदारद हैं।
उन्होंने पूछा कि सरकार ‘‘सोने का नाटक’’ क्यों कर रही है?
जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन कर रहे हैं।
राज्य भर से उनके हजारों समर्थक राज्य की राजधानी में आंदोलन में शामिल हुए हैं।
पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया, ‘‘ पिछले आंदोलन में, चूंकि चुनाव नज़दीक थे, बातचीत के लिए 10 मंत्री आते थे। लेकिन अब, बातचीत करने या समाधान निकालने की कोई कोशिश करने के लिए एक भी प्रतिनिधि नहीं आया है। क्या यह सरकार का सही रुख है?’’
उन्होंने सरकार के कुछ नेताओं पर जानबूझकर आंदोलन को बदनाम करने और इसके प्रति जनता की सहानुभूति को कमजोर करने के प्रयास का भी आरोप लगाया।
विपक्षी राकांपा (एसपी) के विधायक ने सवाल किया, ‘‘एक तरफ प्रदर्शनकारियों से कोई बातचीत नहीं हो रही है और दूसरी तरफ आंदोलन को बदनाम करने और गलतफहमी पैदा करने की साजिशें रची जा रही हैं। क्या सत्ता में बैठे लोगों को यही शोभा देता है?’’
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कोई गलती न करने की अपील की और दावा किया कि सरकार केवल ‘‘मौके की तलाश में’’ है।
पवार ने कहा कि आंदोलनकारियों को शांति बनाए रखनी चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने सरकार से कहा कि उसे मूकदर्शक नहीं बने रहना चाहिए, बल्कि तत्काल समाधान तलाशने का प्रयास करना चाहिए।
राकांपा(एसपी) नेता ने सवाल किया, ‘‘मुख्यमंत्री गणपति दर्शन में व्यस्त हैं, एक उपमुख्यमंत्री अपने गांव गए हुए हैं, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे। इतने संवेदनशील मुद्दे के बावजूद सरकार नींद में क्यों सो रही है?’’
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा
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