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मंगलवार, 20 मई, 2025
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पीओके की लीपा घाटी में सैन्य बुनियादी ढांचा नष्ट, पुनर्निर्माण में लगेंगे कई महीने: सैन्य अधिकारी

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तंगधार (जम्मू कश्मीर), 20 मई (भाषा) भारतीय सेना की चिनार कोर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लीपा घाटी में सैन्य बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

भारतीय सेना के अधिकारियों का अनुमान है कि बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में पाकिस्तान को आठ से 12 महीने लगेंगे।

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के एक अग्रिम गांव तंगधार में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा किए गए दौरे के दौरान इस विनाश के निशान स्पष्ट रूप से देखे जा सकते थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मई के दूसरे सप्ताह में संघर्ष विराम उल्लंघन के जवाब में भारतीय सेना ने इस पाकिस्तानी सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया था।

भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने कम से कम तीन चौकियों, एक गोला-बारूद डिपो, ईंधन भंडारण केंद्र और तोपखाना समेत अन्य ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हमारी जवाबी कार्रवाई इतनी विनाशकारी थी कि पाकिस्तान को इसे फिर से बनाने में कम से कम आठ से 12 महीने लगेंगे, संभवतः इससे भी अधिक समय लगेगा।’’

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने के लिए हवाई प्लेटफॉर्म सहित भारी हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाए।

अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी स्वदेशी रूप से विकसित आकाशदीप रडार प्रणाली ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि हमारी वायु रक्षा तोपों ने उनके हवाई प्लेटफॉर्म को बेअसर कर दिया। हमारा सैन्य बुनियादी ढांचा बरकरार है, जबकि दुश्मन का ढांचा नष्ट हो गया है।’’

अधिकारियों ने बताया कि लीपा घाटी में कई खाली सैन्य ढांचे मौजूद थे, लेकिन भारतीय सेना ने केवल उन्हीं को निशाना बनाया जहां अधिकतम नुकसान पहुंचाया जा सकता था।

विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर अधिकारियों ने कहा कि मई के दूसरे सप्ताह में जवाबी हमलों के दौरान चिनार कोर द्वारा कम से कम 64 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए और 96 घायल हुए।

चिनार कोर के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘संदेश स्पष्ट था – हमारी जवाबी कार्रवाई एक अनुपात तीन में होगी, जिसका अर्थ है कि भारतीय सेना हर पाकिस्तानी संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए तीन गुना अधिक जोरदार हमला करेगी।’’

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह मई की रात को पीओके में मुजफ्फराबाद के पास 25 मिनट के हमले के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा था कि समन्वित हमले इतने तीव्र थे कि पीओके की 75वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ने सैनिकों से संपत्ति की रक्षा करने की बजाय अपनी जान बचाने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

चिनार कोर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘‘इंटरसेप्ट’ की गई बातचीत से पता चला है कि कैसे एक मस्जिद के अंदर छिपा हुआ पाकिस्तानी सेना का कमांडर सैनिकों को पहले जान बचाने का निर्देश दे रहा था। एक संदेश था ‘पहले जान बचाओ, दफ्तर बाद में फिर से खुल सकते हैं’।’’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। दोनों देश चार दिन बाद 10 मई को सशस्त्र संघर्ष रोकने पर सहमत हुए।

भाषा सुरभि वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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