अहमदाबाद: गुजरात में कोविड-19 मामलों में अचानक हुई वृद्धि के कारण एक और लॉकडाउन की आशंका के बीच प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों ने राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित दो शहरों सूरत और अहमदाबाद से लौटना शुरू कर दिया है.
हालांकि सरकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि शहरों को छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने से नहीं रोका जा सकता है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (श्रम और रोजगार) विपुल मित्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘ऐसी कोई औपचारिक रिपोर्ट नहीं है जिससे यह पता चले कि बड़ी संख्या में प्रवासी वापस लौट रहे हैं. हालांकि, हमने जिला अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि श्रमिकों को कोई परेशानी न हो.’
उन्होंने कहा कि क्योंकि लॉकडाउन नहीं है और रेलगाड़ियां भी चल रही हैं, इसलिए लोग देश में कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं.
मित्रा ने कहा कि हालांकि कुछ लोग अपने मूल स्थानों पर वापस जा रहे हैं, ‘लेकिन ऐसा बड़े पैमाने पर नहीं हो रहा है.’
अधिकारी ने कहा, ‘पिछले साल, भीड़ उमड़ पड़ी थी क्योंकि लॉकडाउन अचानक लगाया गया था. इस बार, एहतियात के तौर पर, प्रवासी घर वापस जा रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कुछ समय बाद परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं हो सकेंगे.’
जोनल रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य योगेश मिश्रा ने कहा कि प्रवासियों को आशंका है कि यदि सरकार एक और लॉकडाउन लगाती है तो वे यहां फंस सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में सुझाव दिया था कि लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए. इससे प्रवासी कामगारों में घबराहट पैदा हो गई है, जिन्हें पिछले साल अचानक लगाये गये लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था.’
मिश्रा ने कहा कि अब, प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थानों तक पहुंचने की जल्दी में हैं.
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में जा रहे हैं, क्योंकि वहां 15 अप्रैल से पंचायत चुनाव शुरू हो रहे है. ज्यादातर लोगों ने शादी समारोहों की योजना बनाई हुई है जिन्हें पिछले साल रद्द कर दिया गया था.’
उन्होंने कहा कि लोग इस समय अतिरिक्त सतर्क हैं और किसी भी यात्रा प्रतिबंध की घोषणा से पहले शहरों से जाना चाहते हैं.
यह भी पढ़ें: बंगाल के इस फैक्ट्री का मालिक चुनावी मैदान में, कर्मचारी बोले- वेतन नहीं, सिर्फ ‘तारीख पे तारीख’ मिल रही