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Friday, 10 May, 2024
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शैक्षणिक सत्र 2020-21 : शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी के लिए रोडमैप जारी किया

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, 'हमें आने वाले समय में शिक्षा के प्रारूप और प्रणाली को बदलना होगा ताकि हम शिक्षा को देश के हर कोने तक पहुंचा सकें.'

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नई दिल्ली: कोरोना संकटकाल के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफ़ी बदलाव आया है. इसी को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय) के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के लिए शैक्षणिक सत्र 2020-21 का रोडमैप जारी किया है.

इस रोडमैप को जारी करते हुए विभाग ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत मूलभूत साक्षरता और परिणाम आधारित समग्र शिक्षा के लिए एनसीईआरटी के लिए इस रोडमैप को प्रभावी तरीके से लागू करना होगा. इसके लिए संसाधन भी विकसित करने होंगे.

विभाग ने कहा, ‘इससे हम आने वाले समय में छात्रों के सीखने के स्तर के साथ-साथ परिणाम (लर्निंग आउटकम) के स्तर पर भी सुधार ला सकते हैं.’ इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, ‘हमें आने वाले समय में शिक्षा के प्रारूप और प्रणाली को बदलना होगा ताकि हम शिक्षा को देश के हर कोने तक पहुंचा सकें.’

उन्होंने कहा कि बुधवार को जारी किए जा रहे रोडमैप के जरिये एनसीईआरटी इस काम को पूरा करेगी. उन्हें पूरी उम्मीद है कि कोरोना संकट काल को जिस प्रकार से अभी तक सबने एक अवसर के रूप में बदला है. उसी प्रकार आगे भी न्यू नार्मल को अपनाते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक नया आयाम देंगे.

लर्निंग आउटकम के लिए विभाग ने एनसीईआरटी दिए कई सुझाव

अक्टूबर 2020 तक कक्षा 1 से 5 के लिए और कक्षा 6 से 12 के लिए लर्निंग आउटकम समझाते हुए इन्फोग्राफिक्स/पोस्टर्स/प्रस्तुतियां तैयार करनी है. कक्षा 1 से 5 के अध्यापकों के लिए ऑनलाइन टीचर ट्रेनिंग कोर्स चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2020 तक पूरा किया जाना है और कक्षा 6 से 12 के अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग कोर्स चरणबद्ध तरीके से जून 2021 तक पूरा किया जाना है.

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कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2020 तक वैकल्पिक शैक्षिक सामग्री तैयार करनी है. खासकर उन बच्चों के लिए जिनके पास किसी प्रकार की ऑनलाइन सुविधा नहीं है. कक्षा 6 से 12 के लिए ये सामग्री चरणबद्ध तरीके से जून 2021 तक तैयार करनी है.


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प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक विषय के लर्निंग आउटकम के मूल्यांकन के लिए कुशलता के 2 स्तरों पर कम से कम 10 प्रश्न बनाने हैं. कक्षा 1 से 5 तक के लिए ये नवंबर 2020 और बाकि कक्षाओं के लिए मार्च 2021 तक बनाने हैं.

नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा

स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (एनसीएफ) पर काम शुरू कर दिया है. एनसीईआरटी नए पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करेगी. विषय विशेषज्ञ स्कूली शिक्षा के लिए इसकी प्रकिया शुरू करेंगे और अंतरिम रिपोर्ट दिसंबर 2020 तक देंगे.

पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करते वक़्त ये ध्यान दिया जाना ज़रूरी है कि महत्वपूर्ण पाठ्य सामग्री को ना हटाया जाए. इसके साथ ही पुस्तकों में ज्ञान वर्धक सामग्री की कमी ना हो. इसके अलावा पाठ्यपुस्तकों में रचनात्मक सोच, जीवन कौशल, भारतीय लोकाचार एवं सभ्यता, कला इत्यादि भी इसमें शामिल हो.

नई रूपरेखा मार्च 2021 तक बन कर तैयार हो जाएगी और एनसीईआरटी अभी से ही पाठ्यपुस्तकों के लेआउट और डिज़ाइन पर काम करना शुरू कर देगी. हालांकि, सभी नई पाठ्यपुस्तकें नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के हिसाब से होंगी.

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पीएम ई-विद्या के लिए एनसीईआरटी को कक्षा 1 से 12 के लिए स्वयंप्रभा चैनलों (एक कक्षा, एक चैनल) के लिए सामग्री तैयार करेगी और अगस्त 2020 तक सभी चैनल शुरू करेगी.

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