श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने टी20 विश्वकप मैच में कथित तौर पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने को लेकर कुछ कश्मीरी छात्रों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई पर आश्चर्य जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र लिखा और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.
शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पत्र में लिखा कि इस तरह की दंडात्मक कार्रवाई से कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के युवाओं में अविश्वास की भावना बढ़ेगी. उन्होंने आगे लिखा कि देशभक्ति और वफ़ादारी की भावना को करुणा के साथ पैदा करना होगा.
पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में श्रीनगर के मेडिकल छात्रों के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज होने और उत्तर प्रदेश के आगरा में पढ़ाई कर रहे तीन कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी के मामले सामने आने के बाद महबूबा मुफ्ती का ये पत्र सामने आया है.
महबूबा ने लिखा, ‘मैं आपको गहरी निराशा और जम्मू-कश्मीर में चिंताजनक हालात को लेकर पत्र लिख रही हूं. बहुत लंबा समय नहीं गुजरा है, जब दिल्ली में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए आपने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच ‘दिल की दूरी’ को खत्म करने का इरादा जताया था. पीडीपी की अध्यक्ष होने के नाते, मैंने विश्वास बढ़ाने के लिए कुछ उपाय सुझाए थे, जिनसे जम्मू-कश्मीर के लोग राहत की सांस मिल सकेगी.’
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के हालिया जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद उम्मीदें जगी थीं क्योंकि उन्होंने यहां के युवाओं की भागीदारी को लेकर बयान दिया था.
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पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘इसके बावजदू जो हुआ वह चौंकाने और परेशान करने वाला था. भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच, जिसका मकसद सिर्फ लोगों का मनोरंजन था. उसमें केवल विजेता पक्ष की जीत का जश्न मनाने के लिए युवाओं पर सख्त यूएपीए के तहत मुकदमे दर्ज किए गए.’
महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘इस तरह की दंडात्मक कार्रवाई से कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के युवाओं में अविश्वास की भावना बढ़ेगी. समझदारी भरा कदम ये होगा कि सरकार उनके साथ जुड़े और उनकी महत्वाकांक्षा और लक्ष्यों को समझे. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप हस्तक्षेप करें ताकि इन प्रतिभाशाली युवाओं का भविष्य बर्बाद नहीं हो.’
इस बीच, अनंतनाग में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान महबूबा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें कश्मीर के लोगों का दिल जीतने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘राज्य और देश बलपूर्वक नहीं चलते. इस तरह युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा और युवा खुद को अलग-थलग महसूस करेगा और ये जम्मू-कश्मीर और देश के लिए समस्या बनेगा.’
महबूबा ने कहा, ‘आप किसी व्यक्ति को एक खास खिलाड़ी को पंसद करने का दबाव नहीं डाल सकते. भारत एक विशाल लोकतांत्रिक देश है. इस लोकतंत्र और संविधान ने हमें ये अधिकार दिया है कि हम किसी भी खिलाड़ी को पसंद कर सकते हैं.’
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