नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को बताया कि तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) का उत्पादन बढ़कर प्रतिदिन 8,922 टन हो गया है, जिसके महीने के अंत तक प्रतिदिन 9,250 टन से अधिक हो जाने की उम्मीद है.
उसने बताया कि पिछले साल अगस्त में एलएमओ का प्रतिदिन केवल 5,700 टन उत्पादन होता था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र को मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में जीवन रक्षक गैस के बढ़ते उत्पादन के बारे में जानकारी दी गई. कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच कई स्थानों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आई हैं.
बैठक में मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र जल्द से जल्द शुरू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करें.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि मोदी ने कोविड-19 संबंधी मौजूदा हालात को लेकर हुई बैठक में चिकित्सकीय बुनियादी ढांचे की उपलब्धता की समीक्षा की और अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का त्वरित उन्नयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
उन्होंने बताया कि तीन सशक्त समूहों ने प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण भी पेश किया.
मोदी को ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलवे’ सेवा की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें ऑक्सीजन टैंकर ले जाने के लिए वायुसेना द्वारा संचालित घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की भी जानकारी दी गई.
अधिकारियों ने बताया कि वे राज्यों को भी पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
चिकित्सकीय बुनियादी ढांचे और कोविड-19 प्रबंधन पर काम कर रहे सशक्त समूह ने प्रधानमंत्री को बिस्तरों एवं आईसीयू की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया.
मोदी ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि राज्यों में एजेंसियां कोविड-19 प्रबंधन के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों और रणनीतियों को उचित तरीके से लागू करें.
बयान में कहा गया, ‘इस पर चर्चा की गई कि देश में अगस्त 2020 में एलएमओ का उत्पादन प्रतिदिन 5,700 टन से बढ़ाकर इस समय (25 अप्रैल 2021 को) 8,922 टन किया गया है. एलएमओ के घरेलू उत्पादन के अप्रैल 2021 के अंत तक प्रतिदिन 9,250 टन से पार पहुंच जाने की उम्मीद है.’
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