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Tuesday, 21 May, 2024
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दुनिया भर के एक दर्जन देशों ने भारत को बहुत जरूरी मेडिकल के सामान भेजने के प्रयास तेज किए

दुनिया भर के देशों ने कोरोनावायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित भारत को ऑक्सीजन संकेंद्रक, वेंटिलेटर और जीवन रक्षक दवाओं समेत अत्यावश्यक चिकित्सकीय सामग्री मुहैया कराने के प्रयास तेज कर दिए.

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 नई दिल्ली: दुनिया भर के देशों ने कोरोनावायरस की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित भारत को ऑक्सीजन संकेंद्रक, वेंटिलेटर और जीवन रक्षक दवाओं समेत अत्यावश्यक चिकित्सकीय सामग्री मुहैया कराने के प्रयास मंगलवार को तेज कर दिए.

इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि संकट से निपटने के लिए कई देशों ने भारत की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है और सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में संस्थाओं को चिकित्सा आपूर्ति के तत्काल वितरण की प्रक्रिया के समन्वय के लिए एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समूह का गठन किया है.

फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने की मदद की घोषणा

फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, पुर्तगाल और स्वीडन समेत कई देशों ने भारत को मदद देने की घोषणा की है.

फ्रांस ने मंगलवार को भारत के लिए ‘‘एकजुटता अभियान’’ की घोषणा की कि जिसके तहत वह कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ने में भारत की मदद के लिए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, वेंटीलेटर्स और अन्य चिकित्सा सामान भेजेगा.

यूरोप और विदेश मामलों के लिए फ्रांस के मंत्रालय ने कहा कि वह कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारत के लोगों की मदद के लिए असाधारण एकजुटता अभियान चला रहा है.

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मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रालय के संकट एवं सहयोग केंद्र और भारत में फ्रांस के दूतावास द्वारा चलाए गए इस अभियान के तहत इस हफ्ते के अंत तक वायु एवं समुद्री मार्ग से चिकित्सकीय सामान की आपूर्ति की जाएगी.’’

भारत में फ्रांस के राजदूत एमैनुअल लेनिन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ में मौजूद फ्रांसीसी कंपनियों के सहयोग से ‘बड़ा एकजुटता अभियान’ चलाया जा रहा है.

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को की जाने वाली चिकित्सकीय आपूर्ति में आठ ऑक्सीजन जेनरेटर शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में करीब 10 वर्षों के लिए 250 बिस्तर वाले अस्पताल के लिए ऑक्सीजन की अबाधित आपूर्ति की क्षमता है.

मंत्रालय ने बताया कि पहली खेप के तौर पर तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन के पांच कंटेनर भेजे जा रहे हैं, जो एक दिन में 10,000 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में सक्षम हैं. उसने बताया कि वह भारत को 28 वेंटिलेटर भी भेज रहा है.

इस बीच, यूरोपीय संघ (ईयू) के कई सदस्य देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने में मदद के लिए भारत को ऑक्सीजन संकेंद्रक और वेंटिलेटर जैसी चिकित्सकीय आपूर्ति भेज रहे हैं.

संघ के नागरिक रक्षा तंत्र के जरिए यूरोपीय देश-फ्रांस, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लग्जमबर्ग, पुर्तगाल और स्वीडन भारत को चिकित्सा आपूर्ति प्रदान कर रहे हैं.

ईयू ने एक बयान में बताया कि भारत में महामारी की गंभीर स्थिति से तेजी निपटने के लिए यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के समन्वित प्रयासों के अनुरूप मदद भेजी जा रही है.

इसने कहा कि आगामी दिनों में जर्मनी सहित ईयू के अन्य सदस्य देशों से भी मदद भेजे जाने की उम्मीद है.

ईयू के अनुसार, नागरिक रक्षा तंत्र के तहत आयरलैंड 700 ऑक्सीजन संकेंद्रक, एक ऑक्सीजन जेनरेटर और 365 वेंटिलेटर भारत को भेज रहा है, जबकि बेल्जियम विषाणु रोधी दवा रेमडेसिविर की 9,000 खुराक तथा स्वीडन 120 वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहा है.

इसी तरह रोमानिया 80 ऑक्सीजन संकेंद्रक, 75 ऑक्सीजन सिलेंडर और लग्जमबर्ग 58 वेंटिलेटर भारत भेज रहा है.

वहीं, पुर्तगाल रेमडेसिविर की 5,503 शीशियां तथा हर सप्ताह 20,000 लीटर ऑक्सीजन भारत भेजने की प्रक्रिया में है.

ईयू के संकट प्रबंधन मामलों के आयुक्त जेनेज लेनार्किक ने कहा कि समूह भारत के लोगों के प्रति पूर्ण एकजुटता व्यक्त करता है और ‘‘संकट के इस समय में’’ यथासंभव मदद करने को तैयार है.

जर्मनी चलित ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र भेज रहा है, जिसे तीन महीने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इसके आलावा वह 120 वेंटिलेटर और आठ करोड़ केएन95 मास्क भेजेगा.

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और भूटान समेत कई अन्य देश भी भारत को मदद दे रहे हैं.


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