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Sunday, 5 May, 2024
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MEA ने संसद में बताया — विदेशी जेलों में मौजूद 8,330 भारतीय कैदी, खाड़ी देशों में 4,000 से अधिक

राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने खुलासा किया कि कुल 8,330 भारतीय वर्तमान में विदेशी जेलों में हैं.

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नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि विदेशी जेलों में 8,330 भारतीय कैदी हैं, जिनमें से अधिकांश संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कुवैत जैसे खाड़ी देशों में हैं.

राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा को बताया कि केंद्र सरकार इन भारतीय कैदियों की “सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है”.

मुरलीधरन ने सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “विदेश में भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं और स्थानीय कानूनों के उल्लंघन/कथित उल्लंघन के लिए विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नज़र रखते हैं.”

उन्होंने कहा, “विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी का मुद्दा नियमित रूप से भारतीय मिशनों और केंद्रों द्वारा संबंधित स्थानीय अधिकारियों के साथ उठाया जाता है.”

जारी आंकड़ों के मुताबिक, बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की जेलों में 4,630 भारतीय कैदी हैं.

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इसमें से यूएई में सबसे ज्यादा 1,611 कैदी हैं. सऊदी अरब में 1,461 भारतीय कैदी हैं, इसके बाद कतर में 696 भारतीय कैदी हैं.

पड़ोसियों में नेपाल में 1,222 भारतीय कैदी हैं, जबकि पाकिस्तान में वर्तमान में 308 भारतीय और चीन में 178 भारतीय कैदी हैं. बांग्लादेश में 60 और श्रीलंका में 20 भारतीय कैदी हैं.

मुरलीधरन ने यह भी बताया कि भारत ने 2018 तक 31 देशों के साथ सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, रूस, ईरान और कतर शामिल हैं. हालांकि, पिछले पांच वर्षों में कोई नया समझौता नहीं हुआ है.

नई दिल्ली ने सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर दो बहुपक्षीय सम्मेलनों पर भी हस्ताक्षर किए हैं – अमेरिका के साथ विदेश में आपराधिक सज़ा काटने पर अंतर-अमेरिकी सम्मेलन और यूरोपीय संघ के साथ सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर काउंसिल ऑफ यूरोप कन्वेंशन पर.

इन संधियों के माध्यम से सदस्य देशों के सजायाफ्ता व्यक्ति अपनी शेष जेल की सजा पूरी करने के लिए अपने मूल देशों में स्थानांतरित होने का अनुरोध कर सकते हैं.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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