गुवाहाटी, 15 मार्च (भाषा) असम सरकार उन पात्र लोगों के आधार कार्ड जारी नहीं करने के मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठा रही है जिनके बायोमीट्रिक विवरण को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिया गया था। विधानसभा को मंगलवार को यह जानकारी दी गई है।
आधार कार्ड कई कल्याणकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए जरूरी दस्तावेज़ है।
एनआरसी के दावा और आपत्ति चरण के दौरान 27 लाख से अधिक लोगों के बायोमीट्रिक लिए गए थे। इनमें से 19 लाख लोगों के नामों को 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित एनआरसी के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं किया गया था और इन लोगों को अब आधार कार्ड बनवाने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक, बायोमीट्रिक डेटा लॉक है। शीर्ष अदालत पंजी को अपडेट करने की प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री रंजीत कुमार दास ने सदन को सूचित किया कि राज्य सरकार को मालूम है कि कई पात्र लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी हो रही है, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं है। उन्होंने कहा कि लाभ लेने के लिए अपने खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य है।
दास ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो साल में कम से कम दो बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि आधार जारी करने वाले प्राधिकरण को कम से कम उन लोगों के बायोमीट्रिक विवरण तक पहुंच दें जिनके नाम एनआरसी के अंतिम प्रारूप में आ गए हैं।
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नोमान उमा
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