नई दिल्लीः भारत में पाकिस्तानी सीरियल्स को दिखाने वाला जिंदगी चैनल डीटीएच के जरिए फिर से टीवी पर शुरू हो गया है. करीब दो महीने जिंदगी गुलज़ार है से शुरु हुआ जिंदगी चैनल दिनों दिन फिर से पॉपुलर होता जा रहा है.
इस बारे में हमने ज़ी इंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज़ लिमिटेड, स्पेशल प्रोजेक्ट्स की चीफ क्रिएटिव ऑफिसर शैलजा केजरीवाल से बात की. उन्होंने इस बारे में हमें विस्तृत जानकारी दी.
लोगों ने की थी दोबारा शुरू करने की डिमांड
शैलजा केजरीवाल ने कहा कि दोबारा शुरू करने पर इसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा रहा है. खासकर टियर-2 शहरों से क्योंकि वहां पर इंटरनेट की सुविधा उतनी अच्छी नहीं होती जिसकी वजह से ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी-5 पर बफरिंग की समस्या आ रही थी. इसी वजह से लोगों ने इस बात की डिमांड भी की थी कि इसे दोबारा टीवी पर शुरू किया जाए.
जबकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हैं ऐसे में पाकिस्तानी सीरियल को दिखाने के कारण के बारे में शैलजा केजरीवाल बताती हैं कि इसका मुख्य उद्देश्य है कि हम अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के रहन-सहन, कल्चर, पहनावा, उठना-बैठना और सेंटीमेंट्स के बारे में जान पाएं, क्योंकि कला की कोई बाउंड्री नहीं होती है.
बता दें कि ज़ी इंटरटेनमेंट कई पाकिस्तानी सीरियल्स को प्रोड्यूस कर रहा है. जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तानी सीरियल्स को क्यों प्रोड्यूस किया क्योंकि भारतीय कलाकारों को लेकर भी सीरियल बनाए जा सकते थे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय कलाकारों को लेकर अगर पाकिस्तानी सीरियल बनाए जाते तो शायद वो उतना ऑथेंटिक कॉन्टेंट नहीं रहा जाता.
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भारत-पाकिस्तान को कला-साहित्य के जरिए जोड़ने की कोशिश
उरी हमले के बाद जिंदगी चैनल को बंद कर दिया गया था. जब उनसे पूछा गया कि पहले सीरियल को टीवी पर बंद कर दिया गया था तो फिर अब इसे शुरू क्यों किया जा रहा है क्या दोनों देशों के बीच संबंध नॉर्मल हो गए हैं तो बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘संबध अभी भी नॉर्मल नहीं हुए हैं लेकिन हमारी कोशिश है कि सीमापार दोनों तरफ के लोग एक-दूसरे को समझें.’
उन्होंने कहा, ‘अगर हमसे पूछा जाए कि राष्ट्र ऊपर है या कुछ और तो निश्चित रूप से राष्ट्र सबसे ऊपर है लेकिन बाकी चीजें भी चलती रहनी चाहिए. अगर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनती है तो निस्संदेह हम एक कदम पीछे ले लेंगे लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि हम दोनों देशों को कला और साहित्य के जरिए जोड़ पाएं.’
दिप्रिंट ने उनसे पूछा कि आखिर पाकिस्तानी कॉन्टेंट को ही क्यों चुना तो उन्होंने कहा कि वास्तव में सिनेमा को ज्यॉग्रफी के बजाय भाषा के आधार पर देखना चाहिए चूंकि इंडिया और पाकिस्तान की भाषा काफी मिलती-जुलती है इसलिए पाकिस्तान को चुना क्योंकि भारत के लोग आसानी से इससे कनेक्ट कर सकते हैं.
दिप्रिंट ने पूछा कि आपने कहा था कि ऐसी स्टोरीज करना जिसका उद्देश्य भी हो और प्वाइंट ऑफ व्यू हो तो क्या पहले के भारतीय सीरियल्स में ऐसा नहीं था. इस पर उन्होंने कहा कि पहले के सीरियल्स में शुरू तो एक मैसेज को लेकर होता था लेकिन बाद में इन्हें काफी लंबा खींच दिया जाता था. जिसकी वजह से भारत के सीरियल्स में कॉम्पैक्ट नहीं रह पाते. जबकि ज़िंदगी पर दिखाए जाने वाले सीरियल्स में खासियत है कि ये समयसीमा के अंदर एक खास संदेश के साथ खत्म हो जाते हैं.
शैलजा केजरीवाल ने बताया कि भविष्य में कई सीरियल आने वाले हैं. खासकर इस साल देश की आज़ादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं ऐसे में हम मन्टो की टोबा टेक सिंह, धूप की दीवार जैसे सीरियल लेकर आ रहे हैं. एक और सीरियल फरार की भी उन्होंने जिक्र की जो कि भारत और पाकिस्तान में रहने वाले एक लड़के और लड़की की कहानी है जो कि समय के साथ एक दूसरे के सेंटीमेंट्स को समझते हैं.
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