scorecardresearch
Friday, 3 May, 2024
होमदेशकई नक्सलियों को कोविड लेकिन वरिष्ठों को ही मिल रहा इलाज, बड़ी गिरफ्तारी के बाद पुलिस का दावा

कई नक्सलियों को कोविड लेकिन वरिष्ठों को ही मिल रहा इलाज, बड़ी गिरफ्तारी के बाद पुलिस का दावा

जैसे-जैसे कोविड का प्रकोप दक्षिण छत्तीसगढ़ के अंदरूनी क्षेत्रों को अपनी जकड़ में ले रहा है, पुलिस का दावा है कि शीर्ष नक्सल नेता, निचले काडर्स का समुचित इलाज नहीं होने दे रहे हैं.

Text Size:

रायपुर: कोविड संक्रमित एक वरिष्ठ नक्सल लीडर की गिरफ्तारी से पता चला है कि दक्षिण छत्तीसगढ़ के अंदरूनी क्षेत्रों में माओवादी काडर्स किस तरह गंभीर रूप से बीमारी से जूझ रहे हैं.

तेलंगाना पुलिस ने हाल ही में दंडकारण्य जोनल स्पेशल कमिटी (डीकेज़ेडएससी) नेता गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय को गिरफ्तार किया, जो इलाज के लिए छत्तीसगढ़ के बीजापुर से तेलंगाना के वारंगल जा रहा था.

कथित रूप से इस शख्स ने, जिस पर 8 लाख रुपए का इनाम है, बताया कि निर्णय लेने वाली शीर्ष सेंट्रल कमेटी और डीकेज़ेडएससी के कई सदस्य कोविड संक्रमण से पीड़ित हैं.

पुलिस को जो जानकारी चिंताजनक लगी, वो ये थी कि निचले स्तर के काडर को उपयुक्त इलाज नहीं मिल रहा है, जिससे हज़ारों ग्रामीणों को संक्रमण का खतरा हो सकता है.

माओवादी-विरोधी ऑपरेशंस के प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक बस्तर, सुंदरराज पी ने दिप्रिंट को बताया कि नक्सल नेतृत्व कोविड-प्रभावित बेस काडर्स को चिकित्सा सहायता नहीं लेने दे रहा है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने कहा, ‘गद्दाम मधुकर द्वारा दी गई जानकारी से संकेत मिलता है कि माओवादियों का एक बड़ा हिस्सा बीमारी की चपेट में है. केवल वरिष्ठ काडर्स को, उनमें भी वो जो गंभीर हालत में हैं, अस्पताल में इलाज कराने दिया जा रहा है’.

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ये दोहरे मानदंडों के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि ‘कोविड अनुरूप व्यवहार न करके, माओवादी हज़ारों ग्रामीणों की ज़िंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं’.

उन्होंने आरोप लगाया कि निचले काडर्स को कोविड प्रोटोकोल और इलाज के बारे में बताया भी नहीं जा रहा है.

सुंदरराज ने कहा, ‘सीपीआई (माओवादी) मानवाधिकारों की गंभीर अवहेलना कर रहे हैं. ऐसी गंभीर बीमारी के इलाज से रोकना क्रूरता है’.


यह भी पढ़ें: ‘दरवाजा खटखटाया है, अब ड्राइंग रूम में घुसेंगे’- एंटी-नक्सल कैंप पर पुलिस और आदिवासी नेताओं के बीच टकराव


सरेंडर किया हुआ माओवादी अस्पताल में है, कई कोविड संक्रमित

गद्दाम मधुकर पुलिस के जाल में तब आया, जब तेलंगाना पुलिस को एक मज़बूत खुफिया जानकारी मिली कि कुछ वरिष्ठ माओवादी इलाज के लिए छत्तीसगढ़ से तेलंगाना या आंध्र प्रदेश का सफर कर सकते हैं.

इस जानकारी के साथ कि मधुकर, किसी अस्पताल पहुंचने की कोशिश कर रहा था, तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी और वारंगल की ओर जा रहे हर वाहन की जांच की. मधुकर को मुलुगू मार्ग पर पेड्डामागड्डा चौराहे के पास गिरफ्तार कर लिया गया.

अधिकारियों ने कहा कि मधुकर ने आसानी से सरेंडर कर दिया और उसे तुरंत ले जाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

पुलिस के अनुसार माओवादी नेता ने बताया कि सुकमा और बीजापुर ज़िलों की सीमाओं से लगे कैंपों में बहुत से काडर्स कोविड से पीड़ित थे.

उनमें कम से कम 10 सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष सदस्य हैं, जैसे सेंट्रल कमेटी के कटाकम सुदर्शन उर्फ आनंद उर्फ दूला दादा, थिप्पिरी तिरुपति उर्फ रमेश दादा और पुसम पदमा.

बीमारी से ग्रस्त अन्य लोग थे, सीपीआई (माओवादी) तेलंगाना स्टेट कमेटी (टीएससी) के सचिव यापा नारायण उर्फ लकमा, टीएससी सदस्य बड़े चोक्का राव उर्फ डीएम और कंकानाला राजी रेड्डी उर्फ धर्मन्ना.

डीकेएसज़ेडसी प्रवक्ता कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ विकल्प और डीकेएसज़ेडसी सदस्य मूला देवेंदर रेड्डी उर्फ मासा दादा भी कोविड से पीड़ित बताए जा रहे हैं.

जो लोग छत्तीसगढ़ में थे वो थे दक्षिण बस्तर दरभा वैली कमेटी (डीवीसी) के सचिव कुंकाटी वेंकटैया उर्फ विकास, सीवीसी सदस्य मुचकी उंगल और कोडी मंजुला उर्फ निर्मला और रीजनल पॉलिटिकल स्कूल ऑफ माओइस्ट्स की ककराला सुनीता.


यह भी पढ़ें: ‘यौन क्षमता घटना, नपुंसकता और मौत’- रायपुर के ग्रामीण इलाकों में कोविड वैक्सीन से क्यों दूरी बना रहे हैं लोग


 

share & View comments