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Wednesday, 18 December, 2024
होमदेश‘हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा’, जमानत याचिका में बोले सिसोदिया, आज सुनवाई

‘हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा’, जमानत याचिका में बोले सिसोदिया, आज सुनवाई

इस जमानत याचिका पर विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल आज सुनवाई करेंगे. सिसोदिया को बीते 27 फरवरी को दी गई उनकी रिमांड अवधि के अंत में शनिवार को पेश किया जाना है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका में कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है.

सिसोदिया ने यह भी कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बुलाए जाने पर वह जांच में शामिल हो गए थे. इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है. सिसोदिया ने आगे कहा कि वह दिल्ली के डिप्टी सीएम के महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर थे और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं. सिसोदिया को हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जीएनसीटीडी की उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था.

इस जमानत याचिका पर विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल आज सुनवाई करेंगे. सिसोदिया को बीते 27 फरवरी को दी गई उनकी रिमांड अवधि के अंत में शनिवार को पेश किया जाना है.

राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को सिसोदिया को सीबीआई रिमांड पर भेजते हुए निर्देश दिया था कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से पूछताछ सीसीटीवी कवरेज वाले किसी स्थान पर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी और उक्त फुटेज को पुलिस द्वारा संरक्षित किया जाएगा. 

सिसोदिया को जीएनसीटीडी की आबकारी नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में पिछले रविवार को गिरफ्तार किया गया था.

सिसोदिया को सीबीआई रिमांड पर भेजते समय, ट्रायल कोर्ट ने पाया था कि आरोपी पहले दो मौकों पर भी इस मामले की जांच में शामिल हुआ था, लेकिन यह भी देखा गया है कि वह पूछताछ के दौरान उससे पूछे गए अधिकांश सवालों के संतोषजनक जवाब देने में विफल रहा है. 

इस बीच, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन सिसोदिया के लिए पेश हुए और सीबीआई की रिमांड की अर्जी का विरोध किया.

सिसोदिया के वकील ने तर्क दिया, ‘अगर कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है, तो यह गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है.’

सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने दावा किया कि वह गोलमोल जवाब दे रहे थे और शराब घोटाला मामले की चल रही जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.


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