इंफाल, 25 अप्रैल (भाषा) मणिपुर के इंफाल में एक व्यक्ति की कथित तौर पर हिरासत में मौत हो जाने के विरोध में आहूत राज्यव्यापी बंद के दौरान शुक्रवार को घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस माह की शुरुआत में 27 वर्षीय व्यक्ति की कथित तौर पर हिरासत में मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिले में बाजार समेत शैक्षणिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे।
खोइसनम सनाजाओबा की ‘हिरासत में मौत’ हो जाने के सिलसिले में गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने बृहस्पतिवार मध्य रात्रि से बंद का आह्वान किया।
खोइसनम सनाजाओबा यहां खुरई निर्वाचन क्षेत्र का निवासी था, जहां के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने बंद को लागू करने के लिए सड़कें अवरूद्ध कर दीं और सड़कों के बीच में टायर जला दिए।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी में और इंफाल ईस्ट के खुरई, लामलोंग तथा पोरोमपाट इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मणिपुर सरकार ने 24 घंटे के राज्यव्यापी बंद से पहले बृहस्पतिवार को इंफाल ईस्ट जिले के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी।
आदेशों में 24 अप्रैल की मध्य रात्रि से 25 अप्रैल की मध्य रात्रि तक पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने, लाठी, पत्थर, आग्नेयास्त्र, धारदार हथियार और विस्फोटक सामग्री लेकर आने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इसमें कहा गया है कि यह प्रतिबंध इंफाल ईस्ट जिले के खुरई, लामलोंग और पोरोमपाट इलाकों में लागू होगा।
जेएसी, खोइसनम की कथित ‘हिरासत में मौत’ की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है। जेएसी ने कहा कि उसने 17 अप्रैल को राज्यपाल को मांगों का एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।
इससे पहले, जेएसी अन्य स्थानीय संघों और मीरा पैबिस (महिला समूहों) के साथ मिलकर इस मौत के विरोध में धरना दे रही थी तथा निष्पक्ष जांच की मांग कर रही थी।
जेएसी ने दावा किया कि खोइसनम एक ‘ग्राम स्वयंसेवक’ था और राज्य पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (नोंगड्रेनखोम्बा) के साथ संबंध के आरोप में उसे अन्य चार लोगों समेत पिछले माह 31 मार्च को गिरफ्तार किया था।
जेएसी ने कहा कि खोइसनम को 10 अप्रैल को सजीवा स्थित मणिपुर सेंट्रल जेल भेजा गया था और 13 अप्रैल को उसे जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा में कम से कम 260 लोग मारे गए हैं। वर्तमान में यहां राष्ट्रपति शासन लागू है।
भाषा यासिर वैभव
वैभव
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