scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमदेशअपराधगुजरात पुलिस की हिरासत में पिटाई से मजदूर की मौत, तीन कांस्टेबल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

गुजरात पुलिस की हिरासत में पिटाई से मजदूर की मौत, तीन कांस्टेबल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मजदूर की पहचान कालू पधरशी (28) के रूप में हुई है, उसे 14 अप्रैल को बोटाद टाउन पुलिस थाने के तीन कांस्टेबल एक मामले में पूछताछ के लिए ले लाया गया था.

Text Size:

बोटाद : गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर हिरासत में मारपीट के बाद 28 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के मामले में तीन पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि मजदूर की पहचान कालू पधरशी (28) के रूप में हुई है, उसे 14 अप्रैल को बोटाद टाउन पुलिस थाने के तीन कांस्टेबल एक मामले में पूछताछ के लिए ले गए थे. उक्त व्यक्ति ने बाद में आरोप लगाया था कि उसे हिरासत में बुरी तरह पीटा गया.

अधिकारी ने बताया कि 14 मई को अहमदाबाद के एक अस्पताल में पधरशी की मौत हो गई.

बोटाद जिले के पुलिस अधीक्षक किशोर बलोलिया ने बताया कि तीनों आरोपियों अमीराज बोरिचा, राहिल सिदातर और निकुलसिंह जाधव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारी ने बताया, ‘इस संबंध में सोमवार रात बोटाद टाउन पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें यह आरोप लगाया गया कि आरोपी कांस्टेबल ने 14 अप्रैल को पधरशी के साथ मारपीट की थी, जब वह उनकी हिरासत में था. हालांकि उसे उसी दिन छोड़ दिया गया था, लेकिन बाद में पधरशी की हालत बिगड़ गई और अंततः 14 मई को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.’

अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि तीनों कांस्टेबल 14 अप्रैल को एक मामले की जांच के तहत एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने के लिए बोटाद शहर में पधरशी के आवास पर गए, जिसे वह जानता ही नहीं था.

उन्होंने बताया, जब पधरशी ने उस आदमी के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया, तो तीनों ने उससे अपनी मोटरसाइकिल के पंजीकरण के कागजात पेश करने को कहा.

प्राथमिकी के मुताबिक, सभी सादी वर्दी में थे और खुद को पुलिसकर्मी के तौर पर पेश कर रहे थे इसपर पधरशी ने उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा. उसकी इस बात से नाराज पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे थाने ले गए.

हालांकि, पीड़ित को 14 अप्रैल की दोपहर को रिहा कर दिया गया, लेकिन उसने अपने परिवार को बताया कि हिरासत के दौरान उसे बेरहमी से पीटा गया और पुलिसकर्मियों ने पूछताछ के दौरान उसके सिर को दीवार से टकराया था.

प्राथमिकी के अनुसार, जब कुछ दिनों के बाद पधरशी की तबीयत बिगड़ने लगी, तो उसे पहले 17 अप्रैल को बोटाद के एक अस्पताल और फिर भावनगर शहर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसे ब्रेन हेमरेज हुआ है.

अधिकारी ने बताया कि 20 अप्रैल को पधरशी को अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर किया गया जहां उसकी सर्जरी की गई इसके बाद से उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था. बाद में, इलाज के दौरान 14 मई को उसकी मौत हो गई.


यह भी पढ़ें : ‘ऐसा पहले कभी नहीं देखा’- मैतेई और कुकी विवाद से मणिपुर की नौकरशाही में उपजा गहरा सामुदायिक विभाजन


 

share & View comments