कोलकाता : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के अध्ययन के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बनाई गयी समिति का मानना है कि इसके कुछ बिंदुओं में स्पष्टता की कमी है. साथ ही, कई अन्य प्रावधान पूरे देश में लागू नहीं किये जा सकते.
समिति के एक सदस्य ने रविवार को कहा कि भारत जैसे विशाल देश में, जहां विविधतापूर्ण सामाजिक-आर्थिक स्थिति हैं, वहां सभी राज्यों पर, खासतौर पर शिक्षा के प्राथमिक तथा माध्यमिक स्तर पर एक समान मानक लागू नहीं किये जा सकते और रिपोर्ट में इसे प्रमाणित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘नयी शिक्षा नीति की कुछ विशेषताओं में स्पष्टता नहीं है, जिनमें कक्षा दसवीं के बोर्ड की परीक्षाओं के प्रारूप को फिर से तैयार करना और प्राथमिक विद्यालयों में सुधार करने की बात शामिल हैं. 130 करोड़ की आबादी वाले देश में आप सभी राज्यों की भाषाई पृष्ठभूमि और परंपराओं का ध्यान रखे बिना एक समान शिक्षा नीति लागू नहीं कर सकते.’
सदस्य ने कहा, ‘जो मणिपुर में लागू हो सकता है, जो पंजाब में प्रासंगिक है, हो सकता है कि उसका पश्चिम बंगाल या तमिलनाडु में कोई मतलब ही नहीं हो.’