(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) न्यूयॉर्क शहर के मेयर चुनाव में जोहरान ममदानी की जीत का अर्थ है कि उन्होंने उठाए गए मुद्दों के माध्यम से लोगों को अपने साथ जोड़ा है, और एक तरह से यह जीत अमेरिका में दक्षिणपंथी आंदोलनों के लिए शहर का ‘‘जवाब’’ है। दो भारतीय राजनयिकों ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि ममदानी अपने प्रचार अभियान के दौरान किए गए महत्वाकांक्षी वादों को किस प्रकार पूरा करेंगे।
भारतीय मूल के 34 वर्षीय जोहरान ममदानी को मंगलवार को न्यूयॉर्क सिटी का मेयर चुना गया। प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर और भारतीय मूल के युगांडा के लेखक महमूद ममदानी के पुत्र जोहरान ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन पार्टी के कर्टिस स्लिवा को हराया है।
भारत के पूर्व राजदूतों सहित अंतरराष्ट्रीय मामलों के कई विशेषज्ञों ने इसे ‘‘ऐतिहासिक जीत’’ करार दिया।
वरिष्ठ राजनयिक वेणु राजामणि ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ममदानी की जीत ‘‘एक तरह से, न्यूयॉर्क शहर का अमेरिका में पनप रहे दक्षिणपंथी आंदोलनों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनाई जा रही नीतियों को जवाब है।’’
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने खुले तौर पर कुओमो का समर्थन किया, लेकिन लोगों ने फिर भी ममदानी को वोट दिया।
पूर्व राजदूत ने कहा, ‘‘समान रूप से महत्वपूर्ण वह समाजवादी एजेंडा है, जिसे उन्होंने (ममदानी) आगे बढ़ाया है, जिसमें मुफ्त परिवहन और गरीबों के लिए आवास शामिल हैं।’’
एक अन्य वरिष्ठ राजनयिक अशोक कंठ ने कहा कि अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी ‘‘डोनाल्ड ट्रंप से निपटने के लिए सही रणनीति नहीं बना पाई है। इसलिए ममदानी एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने न्यूयॉर्क के लोगों के लिए ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया है, जिसमें सामर्थ्य का सवाल शामिल है, क्योंकि घर और किराने का सामान खरीदने के मामले में सब कुछ उनकी पहुंच से बाहर हो गया है।’’
चीन में भारत के राजदूत रहे कंठ ने कहा कि ममदानी ने लोगों की दिक्कतों को समझा और इसी मुद्दे को भुनाया।
भाषा शफीक सुरेश
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