scorecardresearch
Wednesday, 19 February, 2025
होमदेशमहुआ मोइत्रा ने सीईसी, ईसी की नियुक्तियों पर 2023 के कानूनी प्रावधान के खिलाफ न्यायालय का रुख किया

महुआ मोइत्रा ने सीईसी, ईसी की नियुक्तियों पर 2023 के कानूनी प्रावधान के खिलाफ न्यायालय का रुख किया

Text Size:

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति को लेकर 2023 के कानूनी प्रावधान के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उक्त प्रावधान के खिलाफ इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार को होली की छुट्टियों के बाद तक टाल दी।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट के मुताबिक, मामले में अगली सुनवाई 19 मार्च को हो सकती है।

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सदस्य महुआ ने अधिवक्ता ताल्हा अब्दुल रहमान के माध्यम से दाखिल याचिका में भारत में चुनावी प्रक्रिया की अखंडता एवं निष्पक्षता, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया और भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की भूमिका में प्रत्यक्ष रुचि होने की दलील दी है।

याचिका में कहा गया है, “वैसे भी, भारत के एक ईमानदार नागरिक के रूप में, जिसका हित देश में चुनावी लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा हुआ है, आवेदक वर्तमान कार्यवाही में हस्तक्षेप करना चाहता है, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें एवं कार्यकाल) अधिनियम, 2023 की धारा-7 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।”

अधिनियम की धारा-7 के अनुसार, चयन समिति-जिसका कार्य मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें करना है-उसमें प्रधानमंत्री बतौर अध्यक्ष और विपक्ष के नेता (या लोकसभा में सबसे बड़े विरोधी दल के नेता) तथा प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

महुआ ने कहा कि यह विवादित अधिनियम की धारा-7 है, जिसमें चयन समिति की संरचना का वर्णन किया गया है, जो विशेष रूप से “परेशान करने वाली” है और उनके संवैधानिक वैधता को चुनौती देने का “आधार” है।

भाषा पारुल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments