ठाणे, 25 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 1999 में हथकरघा इकाई के मालिक की हत्या करने के मामले में वांछित एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
यहां एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे पुलिस ने उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस की मदद से 22 अप्रैल को उप्र के सिद्धार्थ नगर से आरोपी विनोद कुमार श्यामलाल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारी ने बताया कि गुप्ता (49) डुमरियागंज के परसाहेतीम (तरकुलवा) गांव में दवा की दुकान चलाता था।
अधिकारी ने बताया कि गुप्ता 29 मई 1999 को भिवंडी में एक हथकरघा फैक्टरी के मालिक जिगर महेंद्र मेहता के अपहरण और हत्या की घटना में कथित रूप से शामिल था।
पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 363 (अपहरण), 387 (जबरन वसूली), 397 (डकैती) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मामले के विवरण के अनुसार, बिजली की आपूर्ति जानबूझकर काट देने के बाद मेहता को देर रात उनके कारखाने में बुलाया गया था और गुप्ता ने सह-आरोपी राजू मेहता उर्फ बिशनसिंह लक्ष्मणसिंह सावत (अभी भी फरार) और कमलेश रामलखन उपाध्याय के साथ मिलकर उन पर कथित तौर पर हमला किया था। उपाध्याय को 1999 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
पुलिस ने बताया कि तीनों ने मेहता की कथित तौर पर पिटाई की, उसे बेहोश करने के लिए इंजेक्शन लगाया और उसकी सोने की चेन, अंगूठी तथा नकदी लूट ली। इसके बाद उन्होंने उसका गला रेत कर उसकी हत्या कर दी और उसके शव को ठाकुरपाड़ा-सरावली के बाहरी इलाके में फेंक दिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने मुंबई के एक सार्वजनिक फोन बूथ से फोन करके मेहता के परिजन से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी, जबकि मेहता की मौत हो चुकी थी।
वरिष्ठ निरीक्षक संजय शिंदे ने बताया कि पिछले वर्ष जांच दल ने उसे पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए थे और आखिरकार उन्हें गुप्ता के स्थान के बारे में सूचना मिली।
आरोपी अपराध के बाद भूमिगत हो गया, मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया और बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। इस वर्ष जनवरी में वह अपने गृहनगर लौट आया।
भाषा यासिर मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.