ठाणे, 15 मई (भाषा) महाराष्ट्र की एक अदालत ने 2013 में 11 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) मामलों के विशेष न्यायाधीश दिनेश एस. देशमुख ने बुधवार को यह फैसला सुनाया।
बबलू उर्फ मोहम्मद मुस्तफा इम्तियाज शेख (32) को पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं और भारतीय दंड संहिता के तहत बलात्कार के लिए दोषी पाया गया। वारदात के समय दोषी 20 वर्ष का था।
अदालत ने दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष लोक अभियोजक संध्या म्हात्रे ने कहा कि पीड़िता यहां के निकट मुंब्रा में उसी इलाके में रहती थी जहां आरोपी रहता है।
अधिवक्ता म्हात्रे ने बताया कि छह जुलाई 2013 की शाम को जब लड़की स्कूल से घर लौट रही थी, तो शेख ने उसे रोका और उसे उसके साथ चलने के लिए मजबूर किया तथा धमकी दी कि ऐसा न करने पर वह उसके परिवार के सदस्यों की पिटाई कर देगा।
वह उसे अपने घर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया।
पीड़िता द्वारा अपनी मां को घटना की जानकारी देने के बाद मुंब्रा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
अभियोजक ने संवाददाताओं को बताया, “हमने मामले को साबित करने के लिए पीड़िता और उसकी मां सहित छह गवाहों से पूछताछ की।”
बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है क्योंकि लड़की की मां आरोपी द्वारा हासिल किए गए अनुबंध को अपने दामाद के लिए चाहती थी। हालांकि, अधिवक्ता म्हात्रे ने बताया कि अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया।
अदालत ने लड़की के बयान को विश्वसनीय पाया और कहा कि बच्ची झूठ नहीं बोलेगी। उन्होंने बताया कि अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए मेडिकल रिपोर्ट को भी स्वीकार किया।
न्यायाधीश देशमुख ने आदेश दिया कि जुर्माने की राशि पीड़ित को मुआवजे के रूप में दी जाए। अतिरिक्त मुआवजे के भुगतान के लिए मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी भेजा गया है।
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राखी प्रशांत
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