मुंबई, दो सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को हैदराबाद गजट पर एक आदेश जारी किया और उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने में मदद के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की जो खुद को कुनबी के रूप में मान्यता देने वाले दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने में सक्षम हों।
सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग ने सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी किया है। यह आदेश कैबिनेट मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल और मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के बीच वार्ता में सफलता की पृष्ठभूमि में जारी किया गया है। जरांगे मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर थे।
जीआर में कहा गया, ‘‘ हैदराबाद गजट में निहित ऐतिहासिक संदर्भों के अनुसार दस्तावेजों को सत्यापित करने और कुनबी जाति प्रमाणपत्र के लिए मराठा समुदाय के व्यक्तियों की पात्रता स्थापित करने के लिए एक समर्पित जांच प्रक्रिया अपनायी जाएगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक दावे का समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन किया जाए।’’
जरांगे की मांग है कि मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, यह एक कृषि जाति है जो राज्य में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में शामिल है।मराठों को कुनबी के रूप में वर्गीकृत करने से वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र हो जायेंगे।
सरकारी आदेश के अनुसार इस पैनल में ग्राम सेवक, तलाठी (राजस्व अधिकारी) और सहायक कृषि अधिकारी सदस्य होंगे। ये अधिकारी मराठा समुदाय के आवेदकों के दस्तावेज़ी दावों का सत्यापन करेंगे और सक्षम प्राधिकारी को इसकी जानकारी देंगे।
इसमें कहा गया है, ‘‘ सरकार का इरादा उन सभी मराठा दावेदारों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र प्रदान करना है, जो आधिकारिक दस्तावेजों के माध्यम से अपनी वंशावली प्रदर्शित कर सकें। इससे वे कानूनी रूप से आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे।’’
हैदराबाद गजट या राजपत्र, हैदराबाद की तत्कालीन निजाम सरकार द्वारा 1918 में जारी एक आदेश को संदर्भित करता है जिसमें मध्य महाराष्ट्र के वर्तमान मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्से शामिल थे। यह गजट पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य के कुछ मराठा समुदाय समूहों सहित कुछ समुदायों को कुनबी के रूप में वर्गीकृत करता है जिन्हें महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया है।
हैदराबाद गजट के कार्यान्वयन से मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को प्रभावी रूप से कुनबी का दर्जा मिलेगा, जिससे वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र हो जाएंगे।
भाषा शोभना नरेश
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