मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि राजनीतिक मसलों से ऊपर उठकर मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुरुप राज्यपाल को महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) के लिए लोगों के नामांकन पत्र स्वीकार करने चाहिए.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रफीक दादा ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी की खंडपीठ को बताया कि राज्यपाल को किसी भी राजनीतिक मसले या मुख्यमंत्री के साथ उनका कोई मतभेद है या नहीं है, इससे ऊपर उठकर नामांकन स्वीकार करने चाहिए.
दादा ने दलील दी, ‘राज्यपाल फाइल दबाकर नहीं बैठ सकते. एक साल से पद रिक्त हैं.’
पीठ नासिक निवासी रतन सोली लुथ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने पिछले साल नवंबर में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 12 नामों पर फैसला करने का राज्यपाल को निर्देश देने का अनुरोध किया था.
दादा ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुरोध किया है कि राज्यपाल इस मामले में 15 दिनों के भीतर फैसला लें.
अदालत ने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि राज्यपाल के कार्रवाई नहीं करने का क्या परिणाम होगा.’
अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 जुलाई की तय की है.
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