मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को राज्य के निजी अस्पतालों में म्यूकरमाइकोसिस के रोगियों के उपचार को लेकर शुल्क की सीमा तय कर दी है. राज्य में ऐसे मामलों की आधिकारिक संख्या पांच हजार से अधिक हो गई है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस आशय की एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बम्बई पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के तहत पंजीकृत सभी धर्मार्थ अस्पतालों को म्यूकरमाइकोसिस रोगियों का इलाज करते समय इस शुल्क सीमा का पालन करने के लिए कहा गया है.
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के उपचार के लिए 28 प्रकार की सर्जरी चिह्नित की हैं.
अधिसूचना में कहा गया है कि तीसरी श्रेणी के शहरों में सर्जरी का न्यूनतम शुल्क लगभग छह हजार रुपये तय किया गया है और यह क्षेत्र व इलाज की जटिलता के आधार पर एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है.
अधिसूचना में क्षेत्र और उपचार के प्रकार के अनुसार शुल्क का उल्लेख किया गया है.
जन स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे मेट्रो शहरों में कुछ बहु-विषयक निजी अस्पताल हैं, जहां मस्तिष्क, नाक, आंख, कान, और अन्य के विशेषज्ञ म्यूकरमाइकोसिस के मामलों की देखरेख के लिए उपलब्ध हैं. ऐसे अस्पतालों को आमतौर पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में जाना जाता है.’
उन्होंने कहा कि यदि कोई मरीज ऐसे अस्पतालों में इलाज कराना चाहता है, तो आमतौर पर इसका शुल्क बहुत अधिक होता है. लेकिन इस अधिसूचना के जरिये अब शुल्क की सीमा तय कर दी गई है और मरीज ऐसे अस्पतालों में भी इलाज करा सकते हैं.
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