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Sunday, 6 October, 2024
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मद्रास उच्च न्यायालय ने नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर चिंता जतायी

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चेन्नई, चार मार्च (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को नाबालिगों और कम उम्र के लोगों को दुपहिया या चार पहिये वाले मोटर वाहन चलाने से रोकने के लिए मोटर वाहन कानून प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

न्यायमूर्ति ए कन्नाम्मल ने उम्मीद जतायी कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ऐसे तरीके निकालेगी जिससे किशोरों के मोटर वाहन की अप्रिय घटनाओं में फंसने और इसमें पीड़ित होने की घटनाएं दोबारा न हो।

अदालत ने कहा, ‘‘यह अदालत इस बात का न्यायिक संज्ञान लेती है कि हमारे राज्य (तमिलनाडु) में नाबालिग लोगों द्वारा गाड़ी चलाने के मामले बढ़ रहे हैं और यह सही नहीं है। निर्दोष जिंदगियां बेहद कम उम्र में जा रही हैं, यह सांसदों और समग्र रूप से समाज के लिए चिंता की बात है।’’

अदालत ने इरफान नाम शख्स की याचिका खारिज करते हुए ये निर्देश दिए और टिप्पणियां कीं। इरफान दुपहिया वाहन चलाते समय सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था और सितंबर 2010 में हादसे के समय वह नाबालिग था। वह यहां मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण गया था, जिसने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की ओर से सात लाख रुपये मुआवजा देने की उसकी याचिका 2017 में खारिज कर दी थी।

याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति कन्नाम्मल ने कहा कि हालांकि अदालत को अपीलकर्ता को आयी चोटों के लिए उससे सहानुभूति है लेकिन यह दुपहिया वाहन चलाकर उसके द्वारा किए गए काम को मंजूरी देने का आधार नहीं हो सकता क्योंकि वह उस नाबालिग था।

भाषा गोला अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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